Madhya Pradesh
State Employment Guarantee Council
MGNREGS-MP, Bhopal
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Bhovan App DB Bhaskar News dt 24.12.16(Dated-24.12.2016)  
Bhovan App DB Bhaskar News dt 24.12.16
Minutes of the VC chaired by ACS on 26.05.2016(Dated-26.05.2016)  
Minutes of the VC chaired by ACS on 26.05.2016
नयी हितैषी आवेदन-पत्र योजना लागू - अपने अनुसार निर्माण कार्य करवा सकेंगे पात्र परिवार (Dated-13.01.2016)  
मनरेगा के पात्र ग्रामीण परिवार ''हितैषी'' आवेदन-पत्र देकर हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। वे अब हितैषी आवेदन-पत्र ग्राम पंचायतों में देकर उनकी कृषि भूमि अथवा आवासीय परिसर में मनरेगा से कराये जाने वाले कामों की मांग कर सकते हैं। साथ ही इस कार्य में कौन-कौन से जाबकार्डधारी परिवार काम कर सकते हैं उनके नामों का भी सुझाव दे सकते हैं। इस पहल से ग्रामीण परिवारों के यहाँ जरूरत की परिसंपत्तियों का निर्माण तो होगा ही ग्रामीण श्रमिकों को काम के अवसर भी मुहैया हो सकेंगे। मनरेगा से ग्रामीण परिवार ये कार्य करा सकेंगे :- 1. कपिलधारा कूप/खेत तालाब/लघु तालाब/स्टापडेम 2. नंदन फलोद्यान 3. नर्सरी निर्माण 4. रेशम उत्पादन हेतु शहतूत वृक्षारोपण 5. भूमि-सुधार/मेढ़ बंधान 6. मीनाक्षी तालाब 7. सिंचाई के लिये वाटर कोर्सेंस/फील्ड चैनल निर्माण 8. निकटतम तालाब से गाद की ढुलाई/बंजर भूमि विकास 9. जल भराव क्षेत्र में निकास मार्ग निर्माण 10. नाडेप टांका/वर्मी कम्पोस्ट 11. बायोगैस 12. पशु शेड/संजीवक गड्ढे (तरल जैव खाद) 13. शौचालय 14. सोकपिट निर्माण 15. रिचार्ज पिट 16. इंदिरा आवास 17. मुख्यमंत्री आवास 18. मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास। अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा ने इस संबंध में जिलों के कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायतों को निर्देश जारी किये हैं। कहा गया है कि प्रदेश के 42 जिलों की 268 सूखाग्रस्त तहसील में आने वाली 225 जनपद की 16 हजार 560 ग्राम पंचायत में मनरेगा से 150 दिन का रोजगार ग्रामीण जाबकार्डधारी परिवारों को मुहैया कराया जाये। साथ ही मनरेगा के पात्र हितग्राही जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, बीपीएल, इंदिरा आवास से लाभांवित परिवार, भूमि सुधार के हितग्राही, वनाधिकार पट्टाधारी, लघु-सीमांत कृषक आदि ग्रामीण परिवारों को मनरेगा की हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ दिया जाये। ग्रामीण परिवार द्वारा दिये गये हितैषी आवेदन-पत्रों का पंजीयन कर आवेदक को पावती भी दी जायेगी। जिलों की ग्राम पंचायतों के सेक्टर में माह में निर्धारित दिन को होने वाले रोजगार संवाद दिवस में ''हितैषी'' आवेदन-पत्रों के बारे में जानकारी दी जायेगी जिससे वे ग्राम पंचायत में आवेदन कर सकें। निर्देशों में मनरेगा में कृषि आधारित तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के कार्यों को प्राथमिकता देने का भी कहा गया है। ''हितैषी'' आवेदन पत्रों को भू-धारक ग्रामीण कृषक परिवारों को भी उपलब्ध कराया जायेगा ताकि वे निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकें। ''हितैषी'' आवेदन पत्र का प्रारूप मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद की वेबसाईट www.nregs-mp.org पर भी उपलब्ध है। 'हितैषी' में प्राप्त होने वाले आवेदनों पर ग्राम सभा द्वारा लेबर बजट और सबसे पात्र हितग्राही की पुष्टि के बाद कार्य करवाये जायेंगे।
Director post advertisement III call_Final(Dated-04.12.2015)  
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Social Audit Director post advertisement second call(Dated-04.08.2015)  
Social Audit Director post advertisement second call
हरा-भरा और सुन्दर हो हमारा मध्यप्रदेश- मंत्री श्री भार्गव ने किया ग्रीन इंडिया मिशन की भोपाल और नर्मदापुरम संभाग की कार्यशाला का शुभारंभ (Dated-27.07.2015)  
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि हमारा प्रदेश केरल और कश्मीर की तरह सुन्दर और हरा-भरा बने, इसलिये ग्रीन इंडिया मिशन में पौधरोपण कार्यक्रम को समर्पित भावना के साथ सफल बनायें। श्री भार्गव आज यहाँ भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग में ग्रीन इंडिया मिशन की अभिसरण कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में पिछले दस वर्ष में लगातार सुधार हुए हैं। अब मध्यप्रदेश में मनरेगा का बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है। ऑनलाइन भुगतान प्रणाली से पारदर्शिता आई है। श्री भार्गव ने विकास योजनाओं को सही तरीकों से धरातल पर उतारने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम सिर्फ रस्मी न हो, वरन नवाचार और सकारात्मक बदलाव का माध्यम बने। इस अवसर पर आयुक्त नर्मदापुरम संभाग श्री व्ही.के. बाथम भी मौजूद थे। अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा ने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ-साथ वन, उद्यानिकी और रेशम विभाग के अभिसरण से ग्रीन इंडिया मिशन का क्रियान्वयन शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पौधरोपण गरीब ग्रामीणों की स्थायी आजीविका का जरिया बने, यही मिशन का लक्ष्य है। बरसात के मौजूदा सीजन में मनरेगा में योजनाबद्ध रूप से पौधरोपण कार्य होगा। कार्यशाला में मैदानी अमले को पौधरोपण का सही तरीका सिखाया जायेगा और चिन्हित स्थानों पर योजनाबद्ध रूप से पौधरोपण का कार्य किया जाएगा। ग्रीन इंडिया मिशन के जरिये मनरेगा हितग्राहियों को आजीविका के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाये जायेंगे, जिससे ग्रामीण लकड़ी के लिये पेड़ों की कटाई न करे। मिशन में धरती को हरियाली से आच्‍छादित करने के साथ ही बड़े पैमाने पर व्यावसायिक वृक्षारोपण होगा जिससे पेड़ों की कटाई को रोकने में मदद मिलेगी। कार्यक्रम में श्रीमती शर्मा ने मध्यप्रदेश को हाथ धुलाई के विश्व कीर्तिमान के लिये मिला गिनीज बुक ऑफ रिकाड्स सर्टिफिकेट मंत्री श्री भार्गव को भेंट किया। आयुक्त मनरेगा श्रीमती स्मिता भारद्वाज ने मिशन के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने पौधरोपण की कार्य-योजना के बारे में कहा कि मिशन में मनरेगा कन्वर्जेंस से सड़क किनारे वृक्षारोपण, नर्सरी विकास, रेशम उत्पादन और फलोद्यान विकास की गतिविधियाँ सम्पन्न की जायेंगी। व्यक्तिगत हितग्राहियों को भी पौधरोपण कार्यों से जोड़ा जायेगा। इस दौरान जिलावार पौधरोपण कार्ययोजना का प्रेजेंटेशन भी हुआ। दोनों संभाग के जिला एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और मनरेगा, वन, रेशम तथा उद्यानिकी विभाग के मैदानी अमले ने कार्यशाला में भागीदारी की। इस अवसर पर कलेक्टर जिला होशंगाबाद श्री संकेत भोंडवे, आयुक्‍त रेशम श्री सत्यानंद, संचालक बांस मिशन श्री ए.के. भट्टाचार्य, संचालक उद्यानिकी श्री एम.एस. धाकड़ और राज्य कार्यक्रम अधिकारी स्वच्छ भारत मिशन श्रीमती हेमवती बर्मन भी उपस्थित थी। अंत में संयुक्त आयुक्त श्री एम.एल. त्यागी ने आभार व्यक्त किया।
प्रदेश की तर्ज पर पब्लिक फण्ड मेनेजमेंट सिस्टम पूरे देश में लागू- मनरेगा मजदूरी का भुगतान, अब हुआ आसान (Dated-14.07.2015)  
मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी के जल्द भुगतान के लिए मध्यप्रदेश में फरवरी 2015 से शुरू किये गये पब्लिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम को 1 अप्रैल 2015 से देश के सभी राज्य में लागू कर दिया गया है। इस प्रणाली से महात्मा गाँधी नरेगा साफ्टवेयर के साथ बेंकिंग सिस्टम और पोस्ट ऑफिस का समन्वय कर श्रमिकों को मजदूरी के निर्बाध भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा इस प्रणाली का सबसे पहले मध्यप्रदेश में सफलता से उपयोग किया गया है। इससे पहले मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद द्वारा 1 अप्रैल 2013 से प्रदेश में इलेक्ट्रानिक फण्ड मेनेजमेंट सिस्टम के जरिये मनरेगा श्रमिकों को उनके बेंक खातों में मजदूरी का भुगतान सीधे भेजा जा रहा था। इस व्यवस्था को शुरू करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। प्रदेश के इस नवाचार को जहाँ केन्द्र सरकार ने सराहा, वहीं देश के अनेक राज्य के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश आकर इस सिस्टम के जरिए मजदूरी भुगतान व्यवस्था की जानकारी ली। प्रदेश के सिस्टम की सफलता को देखते हुए सारे देश में मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी के निर्बाध भुगतान के लिए ''पब्लिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम'' शुरू किया गया है। इस प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन और समस्या के समाधान के लिए आज एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला हुई। प्रमुख बेंकों के मुंबई स्थित वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी, पोस्ट ऑफिस, एनआईसी और ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारियों ने कार्यशाला में भागीदारी की। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की इस कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा, एनआईसी के नई दिल्ली स्थित सीनियर तकनीकी निदेशक श्री पी.के. मित्तल, पब्लिक फण्ड मेनेजमेंट सिस्टम के नई दिल्ली स्थित वरिष्ठ लेखाधिकारी श्री सत्येन्द्र सिंह और सलाहकार श्री सी.एस. कौशिक मौजूद थे। कार्यशाला में आयुक्त मनरेगा, मध्यप्रदेश श्रीमती स्मिता भारद्वाज ने सिस्टम के जरिये बेंक तथा पोस्ट ऑफिस द्वारा मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी के भुगतान की व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सिस्टम के क्रियान्वयन में आई दिक्कतों और उनके समाधान पर भी चर्चा हुई। कार्यशाला में विभिन्न बेंक और पोस्ट ऑफिस के प्रतिनिधि तथा एनआईसी के तकनीकी अधिकारियों ने सिस्टम की कार्य प्रणाली के संबंध में अपने अनुभव को साझा भी किया। तकनीकी निदेशक राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र श्रीमती मेघा दलवी ने सिस्टम की विशेषता और कार्य-प्रणाली पर प्रेजेन्टेशन दिया। इस अवसर पर चीफ पोस्ट मास्टर जनरल इन्दौर परिक्षेत्र श्री ए.के. राय, परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार श्री रीतेश सक्सेना, सेन्ट्रल बेंक ऑफ इंडिया भोपाल के मुख्य प्रबंधक (आईटी) श्री एस.एन. नागपुरकर और बेंक ऑफ इंडिया भोपाल के प्रबंधक (आईटी) श्री लवीश राठौर उपस्थित थे।
Nivida adv.-Computer, laptop,Printer(Dated-03.01.2015)  
Vehicle- II Nivida(Dated-10.12.2014)  
Vehicle- II Nivida
Vehicle tender (Dated-25.10.2014)  
Vehicle tender -MGNREGS-MP-Danik Bhaskar Bpl - Dt. 25.10.2014
रोजगार गारण्टी परिषद में स्वच्छता कार्यक्रम की शुरूआत(Dated-02.10.2014)  
आयुक्त ने दिलायी स्वच्छता की शपथ-प्रति सप्ताह स्वच्छता के लिए होगा श्रमदान -------------------------------------------------------------------------------- भोपाल, 02 अक्टूबर 2014 । मनरेगा आयुक्त श्रीमती सीमा शर्मा ने गुरूवार को नर्मदा भवन स्थित म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद मुख्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाकर ‘‘स्वच्छता अभियान’’ की शुरूआत की। श्रीमती शर्मा ने प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिये स्वच्छता संदेश का वाचन करते हुए अधिकारी-कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई एवं स्वच्छता ध्वज फहराया। उन्होंने परिषद मुख्यालय में प्रत्येक सप्ताह के अंतिम दिन 02 घण्टे कार्यालय एवं कार्यालय के आस-पास स्वच्छता के लिए श्रमदान करने का भी आग्रह किया। तत्पश्चात उन्होंने कार्यालय में स्वच्छता हेतु श्रमदान किया। मनरेगा आयुक्त ने परिषद मुख्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों से कहा कि वे अपने कार्यालय, आस-पास के परिसर एवं अपने घर में स्वच्छता लाये और आस-पास के लोगों को भी स्वच्छता बनाये रखने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर परिषद के मुख्य अभियंता श्री ए.के. चौधरी, संयुक्त आयुक्त श्री प्रद्युम्न शर्मा, अधीक्षण यंत्री श्री एम.के. जैन, उपायुक्त श्री अनिल कोचर सहित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।
सशक्त समिति की ग्यारहवीं बैठक आज(Dated-22.07.2014)  
मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद, भोपाल की सशक्त समिति की ग्यारहवीं बैठक आज अपरान्ह 3.00 बजे मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई है। बैठक का आयोजन मुख्य सचिव के प्रतिकक्ष, मंत्रालय में किया गया है। बैठक के एजेण्डे में निम्नानुसार बिन्दु सम्मिलित है:- 1. म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद की सशक्त समिति की दसवीं बैठक का कार्यवाही विवरण एवं निर्णयों पर कार्यवाही का अनुमोदन। 2. वर्ष 2013-14 में योजना की प्रगति से अवगत कराना। 3. ग्राम पंचायतों पर फेवलेट/टेबलेट के उपयोग की जानकारी। 4. भारत सरकार द्वारा निर्धारित नवीन मजदूरी दर की जानकारी से अवगत कराना। 5. भारत सरकार द्वारा स्वीकृत लेबर बजट वर्ष 2014-15 की जानकारी। 6. वित्तीय वर्ष 2014-15 की प्रगति की जानकारी। 7. मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद का प्रषासकीय प्रतिवेदन वर्ष 2012-13 के प्रारूप का अनुमोदन। 8. विज्ञापनों के देयकों के भुगतान की अनुमति।
सामाजिक न्याय मंत्री द्वारा म.प्र. राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग की वेबसाईट का लोकार्पण(Dated-11.02.2014)  
सामाजिक न्याय, सहकारिता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव द्वारा आज मंत्रालय स्थित अपने कक्ष में म.प्र. राज्य वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग की वेबसाईट www.mpsrcitizencomm.gov.in का लोकार्पण किया गया। श्री भार्गव द्वारा बताया गया कि वेबसाईट के जरिए वरिष्ठजनों के समग्र कल्याण एवं पुनर्वास हेतु तैयार किये जाने वाले नीति प्रारूप संबंधी आवष्यक सुझाव प्राप्त किये जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि नीति प्रारूप तैयार किये जाने के लिए आयोग द्वारा शासन के समस्त विभागों, अषासकीय संगठनों, वृद्धाश्रमों एवं नागरिकों से सुझाव प्राप्त किये जा रहे हैं। वेबसाईट निर्मित हो जाने से अब और गति से काम हो सकेगा। इससे वरिष्ठजनों को भी अधिक से अधिक जानकारी त्वरित रूप से उपलब्ध हो सकेगी। वेबसाईट के लोकार्पण अवसर पर म.प्र. वरिष्ठ नागरिक कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री वी.जी. धर्माधिकारी, उपाध्यक्ष श्री नानकराम वाधवानी, सचिव श्री आलोक शर्मा एवं अन्य वरिष्ठजन उपस्थित थे।
मनरेगा से गांवों का सशक्त विकास ‘‘ग्राम समृद्धि’’ में मुख्य अभियन्ता श्री चौधरी करेंगे चर्चा(Dated-10.02.2014)  
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रायोजित एवं दूरदर्शन से प्रति मंगलवार एवं शुक्रवार सांयकाल 5.30 बजे प्रसारित होनेवाले सजीव फोन इन कार्यक्रम ‘‘ग्राम समृद्धि’’ में मंगलवार दिनांक 11 फरवरी 2014 को म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद के मुख्य अभियन्ता श्री ए.के. चौधरी महात्मा गांधी नरेगा से गांवों के सशक्त विकास पर करेंगे चर्चा। दूरदर्शन पर मनरेगा हितग्राही श्री रामेश्वर जसरतलाल बताएंगे कि योजना से लाभान्वित होकर कैसे संवरा उनके परिवार का जीवन। कार्यक्रम में मनरेगा संबंधी जानकारियों के साथ ही दर्शकों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए जाएंगे। ‘‘ग्राम समृद्धि’’ कार्यक्रम में इसके पूर्व मनरेगा अंतर्गत अभिसरण से संचालित की जानेवाली नवीन उपयोजनाओं ‘‘मेरा खेत-मेरी माटी’’, ‘‘सुदूर ग्राम संपर्क एवं खेत सड़क उपयोजना’’, ‘‘आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण’’ एवं पशु पालन संबंधी विभिन्न प्रकार के शेड निर्माण इत्यादि के संबंध में लाभदायी जानकारियां मनरेगा के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी जा चुकी हैं। जसरतलाल की खुशहाली की कहानी उसी की जुबानी -------------------------------------------------- ‘‘ग्राम समृद्धि’’ कार्यक्रम में मनरेगा की विभिन्न उपयोजनाओं से लाभान्वित होकर खुशहाल जिन्दगी बिताने वाले बैतूल जिले की ग्राम पंचायत साकादेही के हितग्राही श्री रामेश्वर जसरतलाल बताएंगे की उन्होंने मनरेगा अंतर्गत कैसे लाभ प्राप्त किया। जसरतलाल की जमीन को कपिलधारा कूप के माध्यम से सिंचित बनाया गया, फिर उसे नंदन फलोद्यान का लाभ मिला। इतना ही नहीं उसके घर पर निर्मल वाटिका और निर्मल भारत अभियान अंतर्गत मनरेगा एवं समग्र स्वच्छता अभियान के अभिसरण से शौचालय का निर्माण भी कराया गया है।
मनरेगा में लापरवाही बरतनेवाले 59 अधिकारियों को नोटिस, लेबर बजट के अनुसार खर्च नहीं करने पर कार्यवाही(Dated-08.01.2014)  
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 में लेबर बजट के अनुसार खर्च नहीं करने वाले 59 अधिकारियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गये हैं। आयुक्त मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने राज्य के 14 जिलों के 34 जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा 25 सहायक यंत्रियों को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये हैं। समयावधि में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाने वाले अधिकारियों विरूद्ध सख्त अनुषासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। मनरेगा में वित्तीय वर्ष 2013-14 के अंत तक के लिए निर्धारित लेबर बजट की समीक्षा करने पर पाया गया कि इस मामले में संबंधित अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन नहीं किया है और निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाये हैं। उनकी इस लापरवाही को विभाग ने अपेक्षित संनिष्ठा एवं कर्त्तव्य पारायणता के प्रतिकूल पाते हुए गंभीर कदाचरण माना है। यह म.प्र. सिविल आचरण का उल्लंघन होकर दण्डनीय है। इस लापरवाही के लिए जिन जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस दिए है उनमें अलीराजपुर जिले की जनपद पंचायत अलीराजपुर के श्री एचएन शर्मा, धार के नालछा के श्री के.के. उईके, झाबुआ जिले में रामा के श्री चन्द्रषेखर पाटीदार, झाबुआ के श्री आषीष कनेष, मेघनगर के श्री आर. विष्वकर्मा, बालाघाट जिले की बेहर जनपद के बी.पी. शर्मा, बड़वानी जिले की जनपद निवाली के श्री आर.पी. राजजोतिया, ठिकरी के श्री महेन्द्र ंिसंह श्रीवास्तव, पाटी के श्री एम.एल. हालू, बड़वानी के श्री आर.के. शर्मा, सेंधवा के श्री एम.एल. टांक, बैतूल जिले की जनपद प्रभातपटटन के श्री याजवेन्द्र कोरी,घोड़ाडोगरी के श्री पी.एस. नरवरिया, मण्डला जिले की जनपद मोरगांव के श्री शंकर सिंह मरावी, बिछिया के श्री आत्मजीत सिंह, भिण्ड जिले की जनपद रोन के श्री महेन्द्र कुमार जैन, डिण्डौरी जिले की जनपद समनापुर के श्री गजेन्द्र कुमार जैन, करंजिया के श्री आधार सिंह कुषराम, मेहदवानी के श्री प्रभात द्विवेदी, रीवा जिले की जनपद मउगंज के श्री राजीव तिवारी, रतलाम जिले की जनपद सैलाना के श्री व्ही.के. गुप्ता, सागर जिले की जनपद बंडा के श्री रंजीत ताराम, उमरिया जिले की जनपद करकेली के श्री महेन्द्र चौहान, छतरपुर जिले की जनपद गौरिहार के श्री निदेषक शर्मा, बक्सवाहा के श्री के.पी.एस. बागरी, अनूपपुर जिले की जनपद पुष्प राजगढ के श्री अरूण कुमार भाऱद्धाज़, आगर जिले की जनपद नलखेड़ा के श्री जितेन्द्र सिंह सेंगर, बड़ोद की श्रीमती विष्णुकांता गुप्ता, सुसनेर की श्रीमती माधुरी शर्मा, आगर के श्री राजेन्द्र यादव, शाजापुर जिले की शुजालपुर जनपद के श्री के.पी. राज, शाजापुर के श्री पुरूषोत्तम पाटीदार, कालापीपल के श्री अनिल कोचर, मोहन बड़ोदिया के श्री एमएल स्वर्णकार सम्मिलित हैं। इसी प्रकार डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने सहायक यंत्रियों में अलीराजपुर जिले की जनपद अलीराजपुर के सहायक यंत्री श्री यषवंत सिंह पवार, धार जिले की जनपद नालछा के श्री अजय श्रीवास्तव, झाबुआ जिले की जनपद रामा के श्री एच.सी. राजपूत, झाबुआ के श्री सुमन सिंह चौहान एवं मेघनगर के श्री सुनील खानबिलकर, बालाघाट जिले की जनपद बेहर के श्री राजेन्द्र भारद्वाज, बड़वानी जिले की जनपद निवाली के श्रीएम.एल.शाक्य, ठिकरी के श्री विजय शर्मा, बड़वानी एवं पाटी के प्रभारी श्री नरेन्द्र कुमार गर्ग, सेंधवा के श्री शैलेन्द्र पाण्डे, बैतूल जिले की जनपद प्रभातपटटन के श्री जी.पी.उत्सरे एवं घोड़ाडोगरी के श्री एम.के. साहू, मण्डला जिले की जनपद मोहगांव एवं बिछिया के श्री ए.के.राय, भिण्ड जिले की जनपद रोन के श्री के.के. उपाध्याय, डिण्डौरी जिले की जनपद समनापुर के श्री पी.सी. चौरसिया, करंजिया के श्री बी.एल. श्रीवास्तव एवं मेहदवानी के श्री पी.एन चौबे, रीवा जिले की जनपद मउगंज के श्री संतोष तिवारी, रतलाम जिले की जनपद सेलाना के श्री राजेन्द्र चतुर्वेदी, सागर जिले की जनपद बंडा के श्री एन.के. विष्वकर्मा, उमरिया जिले की जनपद करकेली के श्री नंदू सोनी, छतरपुर जिले की जनपद गौरिहार के एस.के. सिरोठिया, एवं बक्सवाहा के श्री यासीन खान शामिल हैं।
सुदूर ग्राम सम्पर्क एवं खेत-सड़क योजना में होगा गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण, मुख्य सचिव श्री अंटोनी डि सा द्वारा योजना के बेहतर क्रियान्वयन के निर्द(Dated-07.01.2014)  
प्रदेश में सुदूर ग्राम सम्पर्क तथा खेत-सड़क योजना के अंतर्गत मनरेगा कन्वर्जेंस से बारहमासी ग्रेवल सड़कों के निर्माण की उप योजना शुरू हुई है। इससे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अथवा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में अब तक शामिल नहीं हो सके मजरे-टोलों और खेत समूहों को जोड़ने के लिये सड़क सम्पर्क सुविधा मुहैया होगी। इस उप योजना में बनने वाली बारहमासी ग्रेवल सड़कों का निर्माण मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्धारित मापदण्डों के अनुसार ग्राम पंचायतों के माध्यम से करवाया जायेगा। ग्रेवल सड़कों के साथ पुल-पुलियाओं का निर्माण भी इस योजना में होगा और इन सड़कों का संधारण कम से कम दो वर्ष तक अनिवार्य रूप से किया जायेगा। मुख्य सचिव श्री अंटोनी डि सा ने गत दिवस एक बैठक में इस उप योजना के क्रियान्वयन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय श्रीमती अरुणा शर्मा और सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं आयुक्त मनरेगा डॉ. रविन्द्र पस्तोर भी मौजूद थे। बैठक में प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मध्यप्रदेश श्री प्रभाकांत कटारे ने वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से सुदूर ग्राम सम्पर्क एवं खेत सड़क योजना की विशेषताओं को विस्तार से दर्शाया। मुख्य सचिव ने बैठक में निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा सुदूर ग्राम सम्पर्क तथा खेत सड़क योजना में प्रस्तावित सड़कों के लिये पृथक-पृथक प्राक्कलन तैयार किये जायें। उन्होंने ग्राम पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत निर्मित होने वाली इन सड़कों के निर्माण के लिये भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये राजस्व परिपत्र, विस्तार पत्रक, वाजिब-उल-अर्ज तथा राजस्व अभिलेखों में दर्ज सड़कों को नापकर वहाँ से अतिक्रमण हटाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने इस योजना में बनने वाली सड़कों की गुणवत्ता के लिये सभी तकनीकी अमले का संभागीय स्तर पर प्रशिक्षण आयोजित करने की आवश्यकता बताई। मुख्य सचिव ने कहा कि वन ग्राम एवं वन भूमियों से गुजरने वाली सड़कों के निर्माण की अनुमति ग्राम पंचायत/वन विभाग द्वारा दी जायेगी। खनिज विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर विकसित होने वाली इन सड़कों में उपयोग की जाने वाली खनिज सामग्री के लिये निकटतम खनिज भूमियों को चिन्हित किया जायेगा। ग्राम पंचायतों द्वारा उपयोग किये गये खनिज पर रॉयल्टी देय नहीं होगी। इस दौरान मुख्य सचिव ने सड़कों के निर्माण के दौरान उपयोग में लाये जाने वाले उपकरणों की व्यवस्था के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से कार्य-योजना तैयार की जाये और स्व-रोजगार योजनाओं के इच्छुक व्यक्तियों, स्व-सहायता समूहों और समूह परिसंघ कम्पनियों को बैंक ऋण उपलब्ध करवाकर उन्हें उपकरण क्रय करने के लिये प्रेरित किया जाये। संबंधित जिला पंचायत के साथ इनका वार्षिक अनुबंध भी हो, ताकि सुदूर ग्राम सम्पर्क और खेत-सड़क योजना के साथ ही विभिन्न निर्माण कार्यों में इन उपकरणों को किराये से लिया जा सके। किराये की प्राप्त राशि से वे बैंक ऋण की किश्तों की वापसी यथा-समय कर सकें।
सरपंचो का प्रशिक्षण कार्यक्रम 20 जनवरी तक(Dated-07.01.2014)  
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत अधिक से अधिक ग्रामीणों को लाभान्वित किये जाने के लिए और गांवों को समृद्ध बनाने के लिए प्रदेष के 23 हजार से ज्यादा सरपंचो को जनपद पंचायतों में पदस्थ मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (मनरेगा) एवं सहायक यंत्री द्वारा 20 जनवरी 2014 तक विकासखण्ड स्तर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। आयुक्त मनरेगा डाॅ. रवीन्द्र पस्तोर ने बताया की भारत सरकार द्वारा जारी मनरेगा नवीन दिशा निर्देश 2014 के अनुपालन में प्रदेश सरकार द्वारा नवीन उपयोजनाऐं गांवों को समृद्ध बनाने और ग्रामीणों को लाभान्वित करने के लिए बनाई गई है। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा के अभिसरण से गांवों में आंगनबाड़ी भवन निर्माण, अनाज भण्डारण हेतु 100 मैट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम निर्माण, सूदुर ग्राम संपर्क एवं खेत-सड़क योजना, ग्रामीण क्रिड़ांगन एवं मेरा खेत-मेरी माटी उपयोजनाऐं निर्मित की गईं हैं। आयुक्त मनरेगा ने कहा है कि नवीन उपयोजनाओं से मनरेगा के पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने के साथ ही गांवों को समृद्ध किये जाने के लिए सरपंचों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम 06 जनवरी से प्रारंभ कर दिया गया है जो कि 20 जनवरी 2014 तक चलेगा। सरपंचों को प्रशिक्षण के दौरान नवीन उपयोजनाओं के प्रत्येक बिन्दु से भलीभांति अवगत कराया जा रहा है, साथ ही उन्हें पृथक से समस्त निर्देशों की प्रतियां भी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में मनरेगा के परियोजना अधिकारी, मानीटरिंग एवं मूल्यांकन अधिकारी, वरिष्ट लेखाधिकारी, सीनियर डाटा मैनेजर, सहायक संचालक उद्यानिकी, आडिटर, मीडिया अधिकारी, कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री को उपस्थित रहने के संबंध में निर्देश पूर्व में ही जारी कर दिये गये हैं।
मनरेगा कन्वर्जेंस से बनेंगे आँगनवाड़ी भवन, हेण्ड-पम्प और बाउण्ड्री-वॉल का भी प्रावधान(Dated-06.01.2014)  
प्रदेश के ग्रामीण अंचलों के समग्र विकास के उद्देश्य से जिन ग्राम-पंचायतों में पक्के आँगनवाड़ी भवन नहीं हैं या जहाँ आँगनवाड़ी किराये के भवन में संचालित है, वहाँ 7 लाख 80 हजार की लागत वाले नये आँगनवाड़ी भवन का निर्माण मनरेगा कन्वर्जेंस से करवाया जायेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने इस उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश सभी जिला कलेक्टर तथा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को भेजे हैं। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं महिला-बाल विकास की सहमति के परिप्रेक्ष्य में आँगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण में मनरेगा राशि के साथ-साथ बीआरजीएफ, एकीकृत विकास कार्यक्रम (आईएपी) तथा महिला-बाल विकास मद से भी कन्वर्जेंस हो सकेगा। महिला-बाल विकास विभाग के जिला कार्यालय द्वारा आँगनवाड़ी भवन के निर्माण के लिये जनपद, ग्राम-पंचायत और जिला पंचायतवार प्रस्ताव तैयार किये जायेंगे। जिला पंचायत आँगनवाड़ी केन्द्रों की सूची तथा निर्माण प्रस्ताव संबंधित जनपद पंचायतों के माध्यम से ग्राम-पंचायतों को भेजेंगी। ग्राम-पंचायत द्वारा भवनों के लिये 40×50 वर्ग फीट शासकीय भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी। इसमें बाउण्ड्री-वॉल तथा हेण्ड-पम्प की स्थापना का प्रावधान भी होगा। यदि आँगनवाड़ी भवन किसी ऐसे स्कूल भवन में निर्मित किया जाना प्रस्तावित हो, जहाँ हेण्ड-पम्प और बाउण्ड्री-वॉल की व्यवस्था पहले से हो तो वहाँ 25×25 वर्ग फीट भूमि चिन्हित की जायेगी। केन्द्र की लागत 5.83 लाख और भवन की सुरक्षा के लिये बनाई जाने वाली बाउण्ड्री-वॉल तथा पेयजल व्यवस्था के लिये स्थापित हेण्ड-पम्प की लागत 1.97 लाख रुपये निर्धारित रहेगी। आँगनवाड़ी भवन में एक हॉल, किचन, स्टोर, बराण्डा एवं टॉयलेट बनाया जायेगा। भवन का कुल निर्मित क्षेत्रफल 625 वर्ग फीट होगा। आँगनवाड़ी भवन निर्माण के प्रस्ताव पर ग्रामसभा का अनुमोदन भी लिया जायेगा और मनरेगा प्रावधानों के अनुसार त्रि-स्तरीय पंचायत राज संस्थाओं का अनुमोदन भी प्राप्त कर शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट तथा वार्षिक कार्य-योजना में शामिल किया जायेगा। भवनों के निर्माण के लिये प्राक्कलन के साथ तकनीकी प्रतिवेदन भी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के उप यंत्री द्वारा तैयार किये जायेंगे। इसमें आँगनवाड़ी केन्द्र से लाभान्वित परिवारों और उनके बच्चों की संख्या तथा बच्चों की देखभाल की वजह से संबंधित परिवार के सदस्यों को अपनी आजीविका सुदृढ़ करने के लिये समय की बचत का उल्लेख भी होगा। आँगनवाड़ी भवनों के निर्माण में अकुशल श्रम का कार्य मनरेगा जॉब-कार्डधारी परिवारों से ही करवाया जाना आवश्यक होगा और ठेका पद्धति प्रतिबंधित रहेगी। मानव श्रम के बदले खुदाई कार्य में प्रयुक्त होने वाली जेसीबी मशीनों का प्रयोग भी प्रतिबंधित होगा। निर्माण सामग्री का क्रय पंचायत में लागू भण्डार क्रय नियमों के अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर किया जायेगा। मजदूरी एवं सामग्री का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम (ईएफएमएस) के माध्यम से किया जायेगा तथा रोजगार सृजन का पूरा रिकार्ड रखा जायेगा। आँगनवाड़ी निर्माण का कार्य सामग्रीमूलक होने से इस कार्य में मजदूरी-सामग्री अनुपात सामान्यत: 15:85 होगा। यदि मनरेगा मद से निर्माण पर 4.50 लाख की राशि व्यय होगी तो ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत-स्तर पर 60:40 का अनुपात संधारित करना होगा। क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा ग्रामसभा में प्रत्येक कार्य का सामाजिक अंकेक्षण करवाया जायेगा। ग्राम-स्तरीय सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति कार्यों का भौतिक सत्यापन करेगी। राज्य-स्तरीय एवं जिला-स्तरीय क्वालिटी मॉनीटर तथा ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री भी समय-समय पर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का निरीक्षण करेंगे।
प्रदेश में मनरेगा कन्वर्जेंस से "मेरा खेत-मेरी माटी" उप-योजना(Dated-02.01.2014)  
प्रदेश में मनरेगा कन्वर्जेंस से "मेरा खेत-मेरी माटी" उप-योजना 52 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत किसान को मिलेगा लाभ ----------------------------------------------------------------------------------- भोपाल : गुरूवार, जनवरी 2, 2014 मध्यप्रदेश में कृषि को लाभ का व्यवसाय बनाने के उद्देश्य से किये जा रहे सघन प्रयासों के अंतर्गत अब मनरेगा कन्वर्जेंस से 'मेरा खेत-मेरी माटी'' उप-योजना की शुरूआत की जा रही है। इस उप-योजना से 52 लाख से अधिक लघु एवं सीमांत कृषक, जो महात्मा गाँधी नरेगा के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी में पात्रता रखते हैं, उनकी कृषि योग्य तथा गैर-कृषि योग्य भूमि पर हितग्राही मूलक कार्य किये जा सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप इस महती योजना से फसलों की उत्पादकता तथा कुल उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कृषकों की वार्षिक आमदनी में भी व्यापक इजाफा होगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा शुरू की जा रही इस अनूठी उप-योजना का क्रियान्वयन किसान-कल्याण तथा कृषि विकास एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा मनरेगा अभिसरण से किया जायेगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सहकारिता मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने बताया कि 'मेरा खेत-मेरी माटी'' उप-योजना में ऐसे लघु-सीमांत कृषक, जो मनरेगा जॉब-कार्डधारी हैं, उनके मालिकाना हक की कृषि भूमि तथा उनके स्वयं के निवास की भूमि पर हितग्राहीमूलक कार्य मनरेगा कन्वर्जेंस से करवाये जा सकेंगे। मनरेगा मद से किये जाने वाले कार्यों की क्रियान्वयन एजेंसी संबंधित ग्राम-पंचायत होगी। कार्य सम्पादन ई-मस्टर रोल पद्धति से जॉब-कार्डधारी श्रमिकों द्वारा किया जायेगा। जॉब-कार्डधारी कृषक परिवार अथवा परिवार के किसी सदस्य द्वारा स्वयं की भूमि में कार्य सम्पादन में स्वयं कार्य करना होगा। इसकी मजदूरी उन्हें भी अन्य श्रमिकों के समान प्राप्त होगी। इस उप-योजना में अनुसूचित-जाति, अनुसूचित-जनजाति, आदिम-जनजाति, अधिसूचित-जनजाति और अन्य गरीबी रेखा वाले परिवार को पात्रता होगी। इसके साथ ही ऐसे परिवार, जिनकी मुखिया महिला है अथवा जिनके मुखिया नि:शक्त हैं या जो परिवार भूमि सुधार के लाभार्थी हैं, उन्हें भी उप-योजना से लाभान्वित किया जा सकेगा। इसी तरह इंदिरा आवास योजना के हितग्राही, वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत हक प्रमाण-पत्र धारक लाभान्वित हितग्राही तथा ऐसे लघु और सीमांत कृषक, जो कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना-2008 में यथा परिभाषित हैं, ऐसे परिवार भी इस उप-योजना का लाभ ले सकेंगे। महात्मा गाँधी नरेगा के क्रियान्वयन संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार उपरोक्त श्रेणी के परिवार के खेत-खलिहान में व्यक्तिगत कार्य विभिन्न शर्तों के आधार पर हो सकेंगे। इन शर्तों के अनुसार ऐसे परिवार का जॉब-कार्डधारी होना आवश्यक होगा। लाभार्थी अपनी खेत-खलिहान की भूमि अथवा कृषक के निवास की भूमि पर शुरू की गई परियोजना पर कार्य कर सकेंगे। लाभार्थी की भूमि या कृषक के निवास की भूमि पर लिये जाने वाले कार्य संबंधित ग्राम-पंचायत के शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट का अनिवार्य हिस्सा होंगे। इस उप-योजना में कृषि योग्य भूमि पर भूमि समतलीकरण तथा भूमि सुधार, मेढ़ बँधान, कपिलधारा उप-योजना में कुआँ निर्माण, फार्म पोंड निर्माण, नाला-बँधान या लघु स्टॉप डेम, नर्सरी निर्माण, कृषि उद्यानिकी तथा कृषि वानिकी के कार्य किये जा सकेंगे। इसी तरह गैर-कृषि योग्य भूमि पर नॉडेप निर्माण, बॉयोगैस निर्माण, बर्मी कम्पोस्ट, गाय-भैंस, बकरी, सुअर, मुर्गीपालन के लिये शेड निर्माण जैसे कार्य किये जा सकेंगे। इसी प्रकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संबद्ध स्व-सहायता समूहों के लिये बॉयो खाद एवं कृषि उत्पाद को रखने के लिये छोटे गोदाम तथा स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित आजीविका गतिविधियों के लिये सामुदायिक शेड का निर्माण करवाया जा सकेगा। ऐसे कार्यों का चयन ग्राम-पंचायत के सरपंच, सचिव, उप यंत्री, ग्राम रोजगार सहायक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तथा ग्रामीण हितग्राहियों के संयुक्त दल द्वारा ट्रांजिट वॉक कर किया जायेगा। इस मक़सद से वे ग्राम का भ्रमण कर परिवारवार और खेतवार कार्य का चिन्हांकन एवं स्थल चयन करेंगे। स्थल चयन के बाद उप यंत्री तथा ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी द्वारा मौके पर सभी माप लेकर ही संयुक्त रूप से प्राक्कलन तैयार किया जायेगा। तकनीकी प्रतिवेदन भी तैयार होगा। इसमें मजदूरी/सामग्री अनुपात 60:40 की स्थिति, कार्य में सृजित होने वाले मानव दिवस, कार्य प्रारंभ और पूर्ण होने की संभावित तिथि, चयनित स्थल पर भूमि की उपलब्धता तथा कार्य की उपयोगिता जैसी जानकारियाँ आवश्यक रूप से दर्ज होंगी। प्रत्येक ग्राम-पंचायत में करवाये जाने वाले कार्यों को सामुदायिक तथा हितग्राहीमूलक कार्यों की श्रेणी में सूचीबद्ध किया जायेगा। किसान-कल्याण तथा कृषि विभाग के समस्त ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ग्राम-पंचायतों की वर्ष 2014-15 की वार्षिक कार्य-योजना में ऐसे कार्यों को सम्मिलित करेंगे। इसके बाद उन्हें शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में शामिल कर आगामी 26 जनवरी, 2014 की ग्राम सभा में अनुमोदन लिया जायेगा। कार्य पूर्ण होने के बाद ग्राम-पंचायत द्वारा संबंधित पटवारी के नक्शे-खसरे में जानकारी आवश्यक रूप से दर्ज की जायेगी। इसके साथ ही ग्राम-पंचायत क्षेत्र में इस उप-योजना में करवाये गये प्रत्येक कार्य का सामाजिक अंकेक्षण भी करवाया जाएगा।
दूरदर्शन भोपाल से साप्ताहिक सजीव फोन इन कार्यक्रम -‘‘आओ संवारें गांव हमारे’’ का प्रसारण 7 जून से शाम 5.30 बजे(Dated-06.06.2013)  
कार्यक्रम का प्रारंभ मनरेगा पर चर्चा के साथ ********************************************************************** भोपाल, 06 जून 2013। दूरदर्शन भोपाल द्वारा सजीव फोन इन कार्यक्रम डी.डी. लाईव में 7 जून 2013 दिन शुक्रवार को शाम 5.30 बजे से 6.00 बजे तक ‘‘आओ संवारें गांव हमारे’’ का प्रसारण किया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम हर सप्ताह प्रत्येक शुक्रवार को नियमित रूप से प्रसारित होगा। प्रायोजित कार्यक्रम के प्रसारित होने वाले प्रथम एपिसोड में अपर मुख्य सचिव एवं विकास आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती अरूणा शर्मा और आयुक्त, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद, भोपाल डॉ. रवीन्द्र पस्तोर दर्शकों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देंगे। दर्शकगण दूरदर्शन भोपाल के टोल फ्री नंबर 18002330040 एवं 0755-2660049 पर प्रश्न कर इस कार्यक्रम के द्वारा अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर सकते हैं। प्रत्येक शुक्रवार को प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाली समस्त योजनाओं के कार्यक्रम समन्वयक या मुख्य कार्यक्रम अधिकारी अथवा वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा योजनाओं की विभिन्न जानकारियों से अवगत कराया जाएगा साथ ही दर्शकों के प्रश्नों के जवाब दिये जाकर शंकाओं का समाधान भी किया जाएगा।
आडिट सॉफ्टवेयर के पोर्टल पर 31 दिसंबर तक जानकारी अपलोड करें - डॉ. अरूणा शर्मा (Dated-24.12.2012)  
आयुक्त मनरेगा करेंगे समीक्षा ---------------------------- भोपाल, 24 दिसम्बर 2012 । अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग डॉ. अरूणा शर्मा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के संचालन में विभिन्न जिलों से संबंधित ऑडिट आपत्तियों के निराकरण पर उनके पालन प्रतिवेदन को ऑडिट साफ्टवेयर के पोर्टल पर अंकित करने के निर्देश समस्त जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों एवं लेखाधिकारियों को सख्त निर्देश दिये हैं। उन्होंने इस कार्य के लिए 31 दिसंबर 2012 की तिथि निर्धारित की है। डॉ. शर्मा ने बताया है कि 31 दिसंबर के पष्चात आयुक्त मनरेगा द्वारा जिलों की समीक्षा की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 2401 ऑडिट संबंधी कंडिकायें अभी भी लंबित हैं। डॉ. शर्मा ने जिला को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2011-12 की सीए ऑडिट रिपोर्ट के साथ ही पूर्व की समस्त प्रकार की ऑडिट रिपोर्ट मूलतः ऑडिट साफ्टवेयर के पोर्टल पर तत्काल अंकित करवाई जाए। उन्होंने इसी के साथ पूर्व समस्त ऑडिट रिपोर्टों का पालन प्रतिवेदन भी साफ्टवेयर पर अंकित करने एवं उसकी हार्ड कापी परिषद मुख्यालय को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. शर्मा ने कार्य को हर हाल में 31 दिसंबर तक पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी में मनरेगा आयुक्त की अध्यक्षता में जिलेवार समीक्षा की जाएगी एवं कार्य में शिथिलता व लापरवाही बरते जाने पर कड़ी कार्यवाही संबंधितों के विरूद्ध की जाएगी। जिलों में मनरेगा संचालन में ऑडिट आपत्तियों के अंतर्गत गबन/चोरी/हानि/धनराशि का दुरूपयोग, राषि को दूसरे उदेष्यों के लिए खर्च करना, लेखांकन प्रक्रियाओं का पालन एवं अन्य कंडिकाओं संबंधी 18282 आपत्तियां थी जिसमें से 2401 आपित्तयों को अभी भी निराकरण किया जाना बाकी है। गबन/चोरी/हानि/धनराशि के दुरूपयोग की कंडिकाओं संबंधी सर्वाधिक 09 प्रकरण बैतूल जिले में लंबित हैं। लेखांकन संबंधी सर्वाधिक 265 प्रकरण खण्डवा जिले में लंबित हैं। राशि को दूसरे उद्श्यों के लिए खर्च करने संबंधी कंडिकाओं के सर्वाधिक 127 प्रकरण राजगढ़ जिले में लंबित हैं एवं अन्य ऑडिट संबंधी कंडिकाआंे में टीकमगढ़ जिले की सर्वाधिक 789 कंडिकाऐं लंबित हैं।
आशीष उपाध्याय को सांख्यिकी में पी.एच.डी.(Dated-24.12.2012)  
24 दिसम्बर 2012 । अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग डॉ. अरूणा शर्मा एवं आयुक्त मनरेगा डॉ. रविन्द्र पस्तोर ने म.प्र.राज्य रोजगार गारंटी परिषद, नर्मदा भवन भोपाल में सहायक सांख्यिकी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है आशीष उपाध्याय को पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने पर अपनी शुभकामनाऐं दी हैं। उल्लेखनीय है कि श्री उपाध्याय को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय द्वारा सांख्यिकी विषय में पी.एच.डी. उपाधि प्रदान की गई है।
एक की वेतनवृद्धि रोकी, तीन की संविदा सेवाऐं समाप्त करने के निर्देश, चार अधिकारियों को मूल विभाग में वापस भेजा(Dated-12.12.2012)  
भोपाल, 12 दिसंबर 2012 । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ एक उपयंत्री की वेतनवृद्धि रोकने, संविदा पर पदस्थ 02 उपयंत्रियों व एक लेखाधिकारी की संविदा सेवाएं समाप्त करने और प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ तीन सहायक यंत्रियों एवं एक उपयंत्री को कार्य में लापरवाही बरतने एवं पदेन कर्त्तव्यों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने के कारण मूल विभाग में वापस लौटाने संबंधी आदेश जारी किये हैं। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा के निर्देषानुसार प्रदेश में मनरेगा में गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध निरंतर कार्रवाई की जा रही है। मनरेगा आयुक्त श्री रवीन्द्र पस्तोर ने कार्रवाई करते हुए सतना जिले की जनपद पंचायत मझगंवा के सहायक यंत्री श्री जी. के. मिश्रा एवं जनपद पंचायत रामनगर के श्री आर. ए. सिंह, जबलपुर जिले की जनपद पंचायत कुण्डम के सहायक यंत्री श्री अविनाश त्रिपाठी, गुना जिले के सहायक यंत्री श्री ऋषभ कुमार जैन की सेवाऐं उनके मूल विभाग को तत्काल प्रभाव से लौटा दी गई है। सागर संभागायुक्त ने पन्ना जिले की जनपद पंचायत गुन्नौर में पदस्थ उपयंत्री श्री ए.के. असाटी को दण्डित करते हुए एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक जबलपुर ने जनपद पंचायत शाहपुर में पदस्थ उपयंत्री श्री अजय कुमार शर्मा, कलेक्टर उज्जैन ने उपयंत्री श्री हीरेन्द्र मालवीय एवं कलेक्टर खंडवा ने लेखाधिकारी श्री राजीव जैन की संविदा सेवाऐं समाप्त करने संबंधी आदेश जारी कर संबंधितों को संविदा सेवाओं से पृथक कर दिया है।
वित्तीय अनियमितता करने वाले अधिकारी/ कर्मचारी होंगे मनरेगा से बाहर-अपर मुख्य सचिव, श्रीमती अरूणा शर्मा(Dated-11.12.2012)  
वित्तीय प्रबंधन की नियमित करें समीक्षा-आयुक्त मनरेगा, डॉ. रवीन्द्र पस्तोर -------------------------------------------------------------------------- भोपाल, 11 दिसम्बर 2012। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने महात्मा गांधी नरेगा के क्रियान्वयन में वित्तीय अनियमितता के लिए उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों को मनरेगा से बाहर करने के निर्देश दिये हैं। उन्होने समस्त संभागायुक्तों, कलेक्टर व जिला कार्यक्रम समन्वयकों और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को वित्तीय प्रबंधन के अंतर्गत त्रुटियों, शिकायतों, अनियमितताओं आदि के निराकरण के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए हैं। मनरेगा आयुक्त डॉ, रवीन्द्र पस्तोर ने कहा है कि वित्तीय प्रबंधन की नियमित समीक्षा की जाना आवष्यक है। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा ने कहा है कि मनरेगा क्रियान्वयन में गंभीर वित्तीय अनियमिता हेतु उत्तरदायी अधिकारी/कर्मचारियों को तत्काल योजना क्रियान्वयन से पृथक किया जाएगा। उन्होंने जिलों को निर्देशित किया है कि जिले एवं जनपद पंचायत में संविदा पर पदस्थ किसी भी स्तर के अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध यदि गंभीर वित्तीय अनियमितता का आरोप प्रथम दृष्ट्या सही पाया जाता है तो उसे सेवा से सक्षम अधिकारी द्वारा तत्काल हटाया जावे। अन्य विभागों/संस्थाओं से मनरेगा में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ ऐसे अधिकारी/कर्मचारी जिन्हें गंभीर वित्तीय अनियमितता के लिए प्रथम दृष्ट्या उत्तरदायी पाये जाने पर जिनके विरूद्ध जिला संभाग या राज्य स्तर पर अनुशासनात्मक कार्यवाही के प्रकरण प्रचलित हैं उन्हें उनके मूल विभाग में तत्काल वापस भेजने की कार्यवाही की जावे। श्रीमती शर्मा ने निर्देशित किया है कि महात्मा गांधी नरेगा के क्रियान्वयन में स्वच्छ छवि के अधिकारी/कर्मचारियों की ही सहभागिता सुनिश्चित की जावे। मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने बताया है कि योजनांतर्गत वित्तीय प्रबंधन में त्रुटियों, शिकायतों, अनियमितताओं के निराकरण के संबंध में जिलों को प्रेषित विस्तृत कार्ययोजना पर आधारित नियमित समीक्षा के संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। श्री पस्तोर ने कहा कि नियमित समीक्षा से बेहतर वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित हो सकेगा, साथ ही योजना का लाभ अधिक से अधिक जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा सकेगा।
मनरेगा के 23 कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही-मूल विभाग में 12 को भेजा, 11संविदा कर्मियों की होगीं सेवाएंे समाप्त(Dated-06.12.2012)  
अनियमितता एवं लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दास्त-डॉ. रविन्द्र पस्तोर, मनरेगा आयुक्त ----------------------------------------------------------------------------------- भोपाल, 06.12.2012 । महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत अनियमितताऐं एवं लापरवाही नहीं की जाएगीं बर्दास्त। मनरेगा आयुक्त डॉ. पस्... तोर ने बताया कि अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती अरूणा शर्मा के निर्देशानुसार मनरेगा के क्रियान्वयन में लापरवाही करने वाले 23 अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की गई है। इनमें 12 प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों को वापस मूल विभाग में भेजा गया है एवं 11 संविदा कर्मियों की संविदा शर्तों के अनुरूप कार्यवाही करते हुए सेवा समाप्त करने संबंधी निर्देश जिला कार्यक्रम समन्वयकों को दिए गये हैं। मनरेगा आयुक्त ने बताया है कि प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के 05 सहायक यंत्री, मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड का 01 सहायक यंत्री, जल संसाधन विभाग के 02 सहायक एवं 01 उपयंत्री, लोक निर्माण विभाग एवं षुगर मिल केलारस का 01-01 उपयंत्री एवं ग्रामीण विकास विभाग के 01 अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी को मूल विभाग में वापस भेजने संबंधी आदेश जारी कर दिए गये है। संविदा पर पदस्थ 08 उपयंत्री, 02 सहायक यंत्री एवं 01 अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी की संविदा शर्तों के अनुरूप सेवा समाप्ति की कार्यवाही होगी। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री श्री प्रशांत लगरखा, जनपद पंचायत गौहपारू जिला शहडोल, श्री मनोज कौशल जनपद पंचायत जुन्नारदेव, जिला छिन्दवाड़ा, श्री एस.एस.तोमर, जनपद पंचायत मेहगांव जिला भिण्ड, श्री आर.के.गुप्ता, जनपद पंचायत मुरैना जिला मुरैना, श्री ब्रजेष चौधरी जनपद पंचायत जौरा जिला मुरैना, जल संसाधन विभाग के सहायक यंत्री श्री जी.आर.धाकड़, जनपद पंचायत छतरपुर, जिला छतरपुर, श्री अमोलसिंह रघुवंषी, जनपद पंचायत कालापीपल जिला षाजापुर, उपयंत्री श्री राजाराम षाक्य, जनपद पंचायत घोड़ाडोगरी जिला बैतूल, लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री श्री के.सी.शाक्य, जनपद पंचायत विजयपुर, जिला ष्योपुर, एम.पी. हाउसिंगबोर्ड के सहायक यंत्री श्री ए.ए.सैयद, जनपद पंचायत बड़वाह जिला खरगोन, षुगर मिल कैलारस के उपयंत्री श्री राजीव चौहान, जनपद पंचायत कैलारस जिला मुरैना एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी श्री भारत सिंह चौहान, जनपद पंचायत सेंधवा जिला बड़वानी को वापस मूल विभाग भेजा गया। संविदा पर पदस्थ सहायक यंत्री श्री रामसेवक षर्मा, जनपद पंचायत कैलारस जिला मुरैना एवं सुश्री रेखा राजपूत, जनपद पंचायत पोरसा, जिला भिण्ड, उपयंत्री श्री अजय खेड़े, जनपद पंचायत उज्जैन जिला उज्जैन, श्री गजानंद चौकीकर, जनपद पंचायत जुन्नारदेव जिला छिन्दवाड़ा, श्री विवेक यादव, जनपद पंचायत बैतूल जिला बैतूल, श्री घनष्यामसिंह यादव, जनपद पंचायत मुरैना, जिला मुरैना, श्री आर.डी. किरार, जनपद पंचायत कराहल जिला ष्योपुर, श्री मनोज गंगराडे़, जनपद पंचायत रौन, जिला भिण्ड, श्री हरीश पंडागरे, जनपद पंचायत जैतहरी जिला अनूपपुर, श्री आर.एस.पटेल, जनपद पंचायत षाहपुर जिला बैतूल एवं श्री जनपद पंचायत बैतूल की अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सविता चौधरी के विरूद्ध संविदा शर्तों के अनुरूप संविदा सेवा समाप्ति की कार्यवाही करने एवं मुख्यालयों को अवगत कराने के निर्देश जिला कार्यक्रम समन्वयकों को दिए गये।
सोशल ऑडिट पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन-ग्रामीण विकास विभाग की अभिनव पहल(Dated-02.12.2012)  
विभागीय योजनाओं के प्रत्येक कार्य का होगा भौतिक सत्यापन एवं सामाजिक अंकेक्षण - डॉ. रवीन्द्र पस्तोर, आयुक्त मनरेगा भोपाल, 02 दिसंबर 2012 । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं अन्य योजनाओं के द्वारा कराए गए कार्यों के भौतिक सत्यापन (सामाजिक अंकेक्षण) कराए जाने के लिए गांधी मेडीकल कॉलेज के ऑडीटोरियम में आज एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला के शुभांरभ अवसर पर संबोधित करते हुए आयुक्त मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने कहा कि मनरेगा अंतर्गत योजना प्रारंभ से अब तक कराए गए समस्त निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन (सामाजिक अंकेक्षण) किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य में समुदाय के सभी अंगों को साथ में लेकर चलें। शुभांरभ अवसर पर जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री अजय शंकर मेहता, मुख्य अभियंता मनरेगा श्री ए. के. चौधरी एवं निदेषक, सामाजिक अंकेक्षण श्री अभय पांडे भी उपस्थित थे। कार्यशाला में प्रदेश की समस्त जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को मनरेगा के अतिरिक्त अन्य योजनाओं के वर्ष 2011-12 एवं 2012-13 और मनरेगा के योजना प्रारंभ से अब तक कराए गए कार्यों के भौतिक सत्यापन किए जाने हेतु आवष्यक मार्गदर्शन विभागीय वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिया गया। मनरेगा आयुक्त ने बताया कि भौतिक सत्यापन कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है। मनरेगा के अतिरिक्त समग्र स्वच्छता अभियान, बीआरजीएफ, आईडब्ल्यूएमपी, इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री अन्त्योदय आवास योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन, मध्यान्ह भोजन एवं सामाजिक न्याय पेंशन योजना का भौतिक सत्यापन प्रत्यक्ष में जाकर अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा दिनांक 03 दिसंबर 2012 से 20 दिसंबर 2012 के मध्य किया जाना है। डॉ. पस्तोर ने बताया है कि भौतिक सत्यापनकर्ता द्वारा संकलित की गई जानकारी का प्रस्तुतिकरण एवं उस पर अभिमत लेने हेतु दिनांक 16 दिसंबर से 20 दिसंबर 2012 के मध्य विषेश ग्रामसभाओं का आयोजन किए जाने हेतु कलेक्टरों को निर्देषित किया गया है। उन्होंने कहा कि संकलित जानकारी को एनआईसी के सहयोग से निर्मित पोर्टल पर भी अपलोड किया जाएगा। कार्यशाला में ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के अतिरिक्त स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
आज ही 100 करोड़ रुपये तत्काल उपलब्ध कराये, ''मध्यप्रदेश में मनरेगा अंतर्गत बहुत अच्छा काम हो रहा है''- श्री जयराम रमेश, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री(Dated-30.11.2012)  
ग्रामीण विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की गई ---------------------------------------------------- भोपाल, 30 नवम्बर 2012। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने आज एक बैठक में मध्यप्रदेश ग्रामीण विकास के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में मनरेगा अंतर्गत बहुत बढ़िया काम हो रहा है। श्री रमेश ने अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा की मांग पर मनरेगा के लिए आज ही तत्काल 100 करोड़ रूपए उपलब्ध कराने के निर्देश संयुक्त सचिव श्री राजेश भूषण को समक्ष में दिए। उन्होंने मध्यप्रदेश की स्थाई परिसम्पत्तियों के निर्माण द्वारा आजीविका के स्थाई संसाधन उपलब्ध कराने और अन्य योजनाओं से अभिसरण कर हितग्राहियों को लाभान्वित करने की मुक्त कंठ से सराहना की। बैठक में निदेशक, मनरेगा भारत सरकार श्री एच. पी. वषिष्ठ एवं ग्रामीण विकास विभाग मध्यप्रदेश के समस्त वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत संचालित समस्त योजनाओं की समीक्षा में सर्वप्रथम मध्यप्रदेश में मनरेगा अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा श्री जयराम रमेष द्वारा की गई। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती अरूणा शर्मा एवं आयुक्त मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने मध्यप्रदेश में मनरेगा क्रियान्वयन संबंधी प्रस्तुतिकरण किया। श्री पस्तोर ने बताया कि आगामी वर्षों में नवीन वार्षिक कार्ययोजना अनुरूप निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिषत प्राप्त किया जाएगा। मध्यप्रदेष में स्थाई परिसम्पत्तियों के निर्माण से हितग्राहियों को उपलब्ध होने वाले आजीविका के स्थाई संसाधनों के फलस्वरूप काम की मांग में आई कमी को श्री जयराम रमेश ने एक अच्छा संकेत बताया है। श्री रमेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना - म.प्र. को फेसबुक पर उपलब्ध होने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि योजना की समस्त जानकारी फेसबुक पर उपलब्ध होने से पारदर्षिता आएगी। उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कपिलधारा कूप योजना के उत्कृष्ट परिणामों के अध्ययन पर आधारित रिपोर्ट को भी प्रकाशित कराए जाने को कहा है। श्री रमेश ने fशकायत निवारण के लिए उठाए जा रहे मध्यप्रदेश के कार्यों की सराहना की है। बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा अवगत कराया गया है कि प्रदेश स्तर पर चीफ विजिलेंस ऑफीसर की नियुक्ति कर दी गई है। श्री रमेश ने कन्वर्जेन्स (अभिसरण) के म.प्र. मॉडल की सराहना की है, उन्होंने बताया है कि इसको अन्य प्रदेशों में भी अपनाए जाने के लिए कहा जाएगा। श्री रमेश ने विभिन्न प्रदेशों के द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्यों को एक-दूसरे से अवगत कराने की आवश्यकता जताई है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री ने समीक्षा करते हुए कार्यस्थलों पर मौजूद डिस्प्ले बोर्ड में मनरेगा का उल्लेख करने को कहा है। उन्होंने जिले एवं विकासखंड स्तर पर भुगतान में विलंब संबंधी सूक्ष्म समीक्षा करने की आवश्यकता जताई है ताकि जल्द से जल्द मजदूरी भुगतान हो सके। श्री रमेश ने मनरेगा में एमआईएस प्रविष्ठी संबंधी समस्याओं का भारत सरकार स्तर से शीध्र निराकरण करने को आश्वस्त किया है। श्री रमेश ने समीक्षा बैठक में कहा कि मनरेगा अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भी कराया जा सकेगा। इसके लिए शीघ्र ही निर्देश जारी किए जाएगें। आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण मनरेगा की गाईडलाईन अनुसार 60:40 अनुपात में ही किया जाएगा।
जरूरतमंदों के लिए न होगी काम की कमी, न बजट की कमी, मांग अनुसार ही बनेगी आगामी वार्षिक कार्ययोजना-अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा(Dated-29.11.2012)  
भोपाल, 29 नवम्बर 2012। अपर मुख्य सचिव, पंचायत एंव ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती अरूणा शर्मा ने कहा है कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत अगले वर्ष से जरूरतमंदों के लिए ना काम की कमी होगी और ना ही बजट की कमी होने दी जाएगी। उन्होंने इसके लिए नवीन दिषा-निर्देष जारी करते हुए गांवों में रोजगार की मांग के अनुरूप ही वार्षिक कार्ययोजना बनाने को कहा है। श्रीमती शर्मा ने बताया है कि इसके लिए पंचायतों में जॉबकार्डधारी परिवारों की संख्या का सही-सही आंकलन कर संभावित रोजगार की मांग के साथ समय चक्र को भी ध्यान में रखा जाएगा ताकि मांग के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने इसके लिए अभी से वार्षिक कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देष दिए हैं ताकि आवष्यक धनराषि का भारत सरकार स्तर पर अनुमोदन एवं वांछित आवंटन कराया जा सके। लेबर बजट हेतु कार्यों के चयन में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की अहम भूमिका होगी। ----------------------------------------------------------------------------------------- वार्षिक कार्ययोजना अंतर्गत लेबर बजट के निर्माण के लिए कार्यों के चयन में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एप्रोच को दृष्टिगत रखा जाएगा। इसके अंतर्गत जलग्रहण क्षेत्र विकास, सतही एवं भूजल प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण व जल निकासी हेतु नालियों का प्रबंधन, खेती का विकास और स्थाई आजीविका के साधन के रूप में विकसित होने वाली टिकाऊ आस्तिया निर्मित की जाएगी। इसके अलावा मनरेगा की राषि के साथ अन्य योजनाओं की राषि के अभिसरण से अद्योसंरचनात्मक कार्य किए जाएगें। ध्यान रखा जाएगा कि प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग कर गांव का सर्वागीण विकास हो और खेतिहर मजदूरों, लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए गांव में ही आजीविका के लिए टिकाऊ एवं स्थाई अवसर उपलब्ध कराए जा सके। मनमाने ढंग से नवीन कार्य प्रारंभ नहीं कराऐ जा सकेंगे।ऑकलन होगा, वार्षिक कार्ययोजना बनेगी। ---------------------------------------------------------------------------------------------- लेबर बजट के आधार पर संभावित रोजगार की मांग को दृष्टिगत रखते हुए सृजित हो सकने वाले मानव दिवस संख्या को आधार बनाते हुए, ग्राम पंचायतों के शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में सर्वप्रथम गत वर्षों के अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने की प्राथमिकता निर्धारित होगी। इनसे सृजित होने वाले मानव दिवसों का ऑकलन किया जाएगा। लेबर बजट अनुसार संभावित सृजित होने वाले मानवदिवस में से अपूर्ण कार्यों से सृजित होने वाले मानवदिवस को घटाकर शेष मानव दिवस सृजन हेतु ही नवीन कार्यों का चयन किया जाएगा। नवीन कार्यों के चयन एवं हितग्राहीमूलक कार्यों की प्राथमिकता का निर्धारण ------------------------------------------------------------------------- वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित होने वाले नवीन सामुदायिक कार्यों एंव हितग्राहीमूलक कार्यों की निर्धारित प्राथमिकताओं के आधार पर ही कार्य चयनित किए जायेंगे। प्राथमिकता के आधार पर एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन से जुड़े कार्य चिन्हांकित किए जाएगें। मनरेगा से अभिसरण कर किए जा सकने वाले कार्य जैसे मर्यादा अभियान, पंच परमेष्वर अंतर्गत आंतरिक सीमेंट क्रांकीट सड़क बीआरजीएफ से भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र, पंचायत भवन, नदी पुनर्जीवन इत्यादि कार्य होगें। हितग्राहीमूलक कार्याें में बीपीएल के अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य वर्ग के परिवार, गरीबी रेखा से ऊपर जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवार, इंदिरा आवास, भूमि सुधार एवं वनाधिकार हक प्रमाण पत्र धारक के ऐसे हितग्राही जो बीपीएल में सम्मिलित नहीं है एवं लघु सीमांत कृषक के हिताधिकारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। वार्षिक कार्ययोजना के कार्यों का अनुमोदन ग्रामसभा में ही होगा। -------------------------------------------------------------- जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत द्वारा जो कार्य प्रस्तावित किए गए हैं उन पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार ग्रामसभा को ही होगा। ग्रामसभा से अनुमोदन नहीं होने पर कार्य नहीं कराए जा सकेगें। दो या दो से अधिक जनपद पंचायतों के कार्यों को जिला पंचायत की साधारण सभा अनुमोदित करेगी। इसी प्रकार दो या दो से अधिक ग्राम पंचायतों के अंतर्गत होने वाले कार्य जनपद की साधारण सभा द्वारा अनुमोदित किए जाएगें किन्तु कार्य प्रारंभ कराए जाने संबंधी अंतिम निर्णय ग्रामसभा ही लेगी। कार्यों के चयन में स्टेक होल्डर (हिताधीकारी) कीे होगी भागीदारी --------------------------------------------------------------- वार्षिक कार्ययोजना के लिए चयनित किये जाने वाले शेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट में शामिल होने वाले कार्यों के चयन में स्टेक होल्डर की भागीदारी सुनिष्चित की जाएगी। योजना के स्टेक होल्डर्स सक्रिय जॉबकार्डधारी, अनुसूचित जाति/जनजाति के परिवार, गरीबी रेखा के जीवनयापन करनेवाले सामान्य वर्ग के परिवार, इंदिरा आवास, भूमि सुधार, लघु एवं सीमांत कृषक वर्ग व वनाधिकार अधिनियम के तहत हक प्रमाण पत्रधारक परिवार, स्वसहायता समूह, ग्राम उत्थान समितियां, समेकित माइक्रो प्रोजेक्ट के तहत एनजीओ, संयुक्त वन प्रबंधन समिति एवं जल उपभोक्ता संस्था होंगे। तीन वर्षों मंे एक भी दिन काम न करनेवाले जॉबकार्ड होंगे निरस्त ------------------------------------------------------------------ जॉबकार्डों के निरस्तीकरण एवं नवीन जॉबकार्ड बनाये जाने हेतु परिवारों के चिन्हांकन का कार्य भी किया जा रहा है। विगत 03 वर्षों में जिन जॉबकार्डधारियों द्वारा एक भी दिन का कार्य नहीं किया गया है, उनके जॉबकार्ड निरस्त किये जायेगे। जॉबकार्ड निरस्तीकरण के अंतर्गत उन्हें भी सम्मिलित किया जायेगा जिनके द्वारा भविष्य मंे कार्य करने की संभावना नहीं है। जॉबकार्डधारी परिवारों के ऐसे सदस्यों के नाम विलोपित किये जाएंगे, जो किन्हीं अन्य कारणों से गांव में निवास नहीं करते अथवा ऐसी महिलाऐं जिनका विवाह हो गया हो और वे किसी अन्य गांव में निवास कर रहीं हैं अथवा की किसी वयस्क सदस्य की मृत्यु हो गई हो। नरेगा सॉफ्टवेयर का डॉटाबेस रहेगा अपडेट ----------------------------------------- जॉबकार्डधारियों की जानकारी जॉबकार्ड पंजी में दिनांक सहित हस्ताक्षर कर ग्राम पंचायत सचिव द्वारा नियमित रूप से मनरेगा साफ्टवेयर में अद्यतन कराई जाएगी। जनपद पंचायत में डाटाबेस अद्यतन कराने का उत्तरदायित्व पंचायत सचिव का रहेगा। नवनियुक्त ग्राम रोजगार सहायक उन्हें इस काम में आवष्यक सहयोग करेंगे।
बड़वानी जिले की चार जनपदों में मनरेगा के कार्यों की होगी सघन जांच-अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा(Dated-27.11.2012)  
तीन लाख रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों का होगा भौतिक सत्यापन -------------------------------------------------------------------- भोपाल, 27 नवम्बर 2012 । अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा, मध्यप्रदेष शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने बड़वानी जिले की 04 जनपदों में मनरेगा अंतर्गत तीन लाख रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों के भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन की सघन जांच करने के आदेष दिये हैं। इस कार्य के लिए 04 जांच दल गठित किये गये हैं। जिले की कुल 178 ग्राम पंचायतों में निर्माण कार्यों की जांच उपयंत्री से लेकर अधीक्षण यंत्री स्तर के 103 अधिकारियों के द्वारा की जा रही है। श्रीमती शर्मा ने बताया है कि जांच कार्य हेतु नियुक्त दलों में बड़वानी जिले को छोड़कर मध्यप्रदेष के विभिन्न जिलों के अधिकारी सम्मिलित हैं। बड़वानी जिले के मात्र 03 अधिकारियों को सम्मिलित किया गया है, इसमें ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री को नोडल अधिकारी एवं 02 सहायक यंत्रियों को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। बड़वानी जिले की जनपद पंचायत बड़वानी, पाटी, निवाली एवं पानसेमल में 03 वर्षों में मनरेगा अंतर्गत तीन लाख रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों का भौतिक सत्यापन एवं मूल्यांकन की जांच किये जाने हेतु 04 जांच दल बनाये गये हैं। कार्यपालन यंत्री स्तर के अधिकारी को जांच अधिकारी बनाया गया है। जांच दलों के अंतर्गत कुल 19 उप दल निर्मित किये गये हैं, प्रत्येक उप दल में 04 उपयंत्री एवं 01 सहायक यंत्री को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। प्रत्येक विकासखण्ड की जांच के लिए अधीक्षण स्तर के 01 अधिकारी को समन्वयक बनाया गया है। अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने जांच दलों को 03 वर्षों के कार्यों की प्रमाणिक सूची, संबंधित माप पुस्तिकाऐं एवं संबंधित नस्तियों के आधार पर जांच करने के निर्देष दिये हैं। जांच कार्य में कार्य निष्पादन वर्ष 2010-11, 2011-12 एवं 2012-13 के कार्यों को सम्मिलित किया गया है। जांच कार्य के दौरान कार्यों से संबंधित अमले जिसमें संबंधित उपयंत्री, ग्राम पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक/मेट, सरपंच व पूर्व सरपंच को भी आवष्यक रूप से कार्यस्थल पर उपस्थित रहने के निर्देष दिए गए हैं। जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों का मैदानी भ्रमण कर 15 दिसम्बर 2012 तक जांच कार्य पूर्ण किया जाएगा।
हड़ताल छोड,़ दो दिन में कर्तव्य पर उपस्थित हों - मनरेगा आयुक्त, डॉ. पस्तोर(Dated-26.11.2012)  
नव चयनित संविदा उपयंत्री एवं ग्राम रोजगार सहायक एवं अन्यों की सेवाऐं होगी समाप्त ------------------------------------------------------------------------------------- भोपाल, 26 नवम्बर 2012 । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत अनिष्चित कालीन हड़ताल पर गये दिनांक 19 नवंबर 2012 से गये संविदा पर नियुक्त नव चयनित संविदा उपयंत्री, ग्राम रोजगार सहायक एवं अन्यों को आयुक्त मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने दो दिनों में अपने कर्तव्य पर उपस्थित होने संबंधी निर्देष जारी किये हैं। कर्तव्य पर उपस्थित नहीं होने पर उनकी सेवाऐं समाप्त करने की सूचना मुख्यालय को देने व प्रतीक्षा सूची से रिक्त पदों को भरने संबंधी निर्देंष भी कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयकों को दिये गये हैं। आयुक्त मनरेगा ने बताया है कि नव चयनित संविदा उपयंत्रियों की संविदा शर्तों की कंडिका 14 में स्पष्ट उल्लेख है कि ‘‘संविदा नियुक्ति की दषा में की गई नियुक्ति के आधार पर नियमितीकरण संबंधी कोई दावा मान्य नहीं किया जाएगा।’’ डॉ. पस्तोर ने बताया है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी संविदा नियुक्ति में भी स्पष्ट लेख है कि संविदा अमले को नियमित किये जाने संबंधी दावा मान्य नहीं होगा। उन्होंने अपने निर्देष में कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयकों को स्पष्ट किया है कि दो दिवस में कार्य पर उपस्थित होने संबंधी सूचना हड़ताल पर गये संविदा कर्मियों को दी जाए एवं उपस्थित नहीं होने की दषा में संविदा सेवाऐं समाप्त की जाकर परिषद मुख्यालय को अवगत कराया जाए। जिलों से सूचना प्राप्त होते ही परिषद मुख्यालय से प्रतीक्षा सूची से संविदा उपयंत्रियों की जिलों में प्रतिपूर्ति की जाने हेतु पद स्थापनाऐं की जाएंगी। ग्राम रोजगार सहायकों के पदों की प्रतिपूर्ति स्थानीय स्तर पर जारी प्रतिक्षा सूची से की जाएंगी।
मनरेगा में किये जाने वाले व्यय की अब हर माह होगी सुक्ष्म समीक्षा(Dated-25.11.2012)  
भोपाल, 25 नवम्बर 2012 । अपर मुख्य सचिव मध्यप्रदेष शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती अरूणा शर्मा ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत किये जाने वाले व्यय की प्रतिमाह सूक्ष्म समीक्षा करने के निर्देष जारी किये हैं। उन्होंने यह जिम्मेदारी संभागों में पदस्थ संभागीय प्रबंधक (मनरेगा) को एवं जहां प्रबंधक नहीं है वहां उपायुक्त विकास को सौंपी है। श्रीमती शर्मा ने समीक्षा बैठक के लिए 34 बिन्दुओं का निर्धारण किया है जिनको दृष्टिगत रखते हुए जिलों में किये जाने वाले व्यय की निरन्तर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने बैठकों का प्रतिवेदन अनिवार्य रूप से प्रत्येक माह की 5 तारीख तक आयुक्त मनरेगा को उपलब्ध कराने के निर्देष दिये हैं।
महात्मा गांधी नरेगा फेसबुक पर भी(Dated-25.11.2012)  
भोपाल, 25 नवम्बर 2012 । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत मध्यप्रदेष संबंधी जानकारी अब फेसबुक पर भी उपलब्ध हैं। फेसबुक पर योजना के क्रियान्वयन संबंधी सूचनाऐं, फोटोग्राफ्स, सफलता की कहानियां, एवं नवीन निर्देंषों को निरन्तर अपलोड किया जा रहा है। आमजन भी मध्यप्रदेष में मनरेगा के क्रियान्वयन संबंधी जानकारियों से निरन्तर अवगत होकर लाभ उठा सकते हैं। फेसबुक पर जिनका अकाउन्ट है वे nrega MP पर जाकर जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। जिनका अकाउन्ट फेसबुक पर नहीं वे www.facebook.com/nrega.com पर जाकर जानकारियांे से लाभान्वित हो सकते हैं।
मनरेगा अंतर्गत उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं करने एवं रिकार्ड संधारित नहीं करने पर आयुक्त ने जताया असंतोष(Dated-25.11.2012)  
भोपाल, 25 नवम्बर 2012 । आयुक्त मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत जिलों में प्राप्त होने वाले आवंटन, किये जाने वाले व्यय एवं उनसे संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्रों को समय पर प्रस्तुत नहीं करने एवं इस संबंध में समुचित प्रकार से लेखा संधारण नहीं किये जाने पर असंतोष प्रकट करते हुए जिलांे को नवीन निर्देष जारी किये हैं। उन्होंने जिलों के कार्यक्रम समन्वयकों एवं अतिरिक्त कार्यक्रम समन्वयकों को भारत सरकार द्वारा जारी की गई मनरेगा की ‘‘आपरेषनल गाईड लाईन 2012’’ के अनुसार उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित करने को कहा है। आयुक्त मनरेगा ने अपने निर्देषों में स्पष्ट किया है कि आवंटन एवं व्यय संबंधी रिकार्ड संधारण के साथ-साथ उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने संबंधी रिकार्ड को भी मुस्तैदीपूर्वक संधारित किया जाए। उन्होंने ग्राम पंचायतों और क्रियान्वयन एजेंसियों को निर्धारित प्रारूप में ही प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा है। उपयोगिता प्रमाण पत्रों संबंधी समेकित जानकारी विकासखण्ड स्तर से जिलों को प्रेषित की जाएगी। जिलों से समेकित जानकारी परिषद मुख्यालय को भेजी जाने के निर्देष दिये हैं। आयुक्त मनरेगा ने स्पष्ट किया है कि उपरोक्त समस्त जानकारी एम.आई.एस. पर भी अपलोड किया जाना आवष्यक है।
मनरेगा ने लौटाई पांच की सेवाऐं, दो अधिकारी दण्डित(Dated-24.11.2012)  
भोपाल, 24 नवम्बर 2012 । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ पांच अधिकारियो को पदेन कर्त्तव्यों के निर्वहन में षिथिलता एवं उदासीनता बरतने के कारण मूल विभागों में वापस भेजा गया। दो अधिकारियों को दण्डित किया गया। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा के निर्देषानुसार मनरेगा के सुचारू क्रियान्वयन को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए मुख्यालय स्तर से निरन्तर कार्यवाही की जा रही है। आयुक्त मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने बताया कि दतिया जिले में मनरेगा क्रियान्वयन में निरन्तर षिथिलता बरती जा रही थी। उन्होंने कहा कि जिले के तीन सहायक यंत्री एवं दो अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों को लापरवाही एवं उदासीनता के कारण मूल विभाग मंे वापस भेजा जा रहा है। श्री पस्तोर ने बताया कि कार्यों में अनियमितता के कारण रीवा संभागायुक्त ने सतना के एक उपयंत्री की एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने एवं चंबल संभाग के आयुक्त ने एक उपयंत्री को परिनिन्दा की लघु शास्ति से दण्डित भी किया है। दतिया जिले में विभिन्न पदों पर प्रतिनियुक्ति अंतर्गत पदस्थ श्री नंदकिषोर पाठक सहायक यंत्री जनपद पंचायत दतिया, श्री रामसेवक द्विवेदी सहायक यंत्री जनपद पंचायत सेवढ़ा, श्री सुरेन्द्रसिंह राणा सहायक यंत्री जनपद पंचायत भाण्डेर एवं श्री अषोक कुमार मांडिल्य अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत भाण्डेर व श्री रामचंद्र गुलवानी अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी जनपद पंचायत दतिया को जिले में मनरेगा क्रियान्वयन के निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति में षिथिलता बरतने और निरन्तर कार्यों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने के कारण मूल विभाग में तत्काल प्रभाव से वापस भेजे जाने संबंधी निर्देष जारी किये हैं। संभागायुक्त रीवा श्री प्रदीप खरे ने सतना जिले की जनपद पंचायत रामपुर बघेलान में सी.सी. रोड, जी.एस.बी. रोड एवं पुलिया निर्माण कार्यों में की गई अनियमितताओं पर जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर सख्त कार्यवाही करते हुए उपयंत्री श्री एल.पी.शर्मा की एक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के आदेष जारी किये हैं। चंबल संभागायुक्त श्री अषोक कुमार षिवहरे ने मनरेगा निर्माण कार्यों के संबंध में लापरवाही बरतने के कारण श्योपुर जिले के विजयपुर में पदस्थ उपयंत्री श्री पी.के. गुप्ता को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया था। श्री गुप्ता के द्वारा दिये गये उत्तर से असहमति जताते हुए संभागायुक्त ने परिनिन्दा की लघु शस्ति से दण्डित किया है।
मनरेगा ने मूल विभाग को लौटाई चार अधिकारियों की सेवाऐं(Dated-23.11.2012)  
भोपाल, 23 नवम्बर 2012 । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ चार अधिकारियो को कार्य में लापरवाही बरतने एवं पदेन कर्त्तव्यों के प्रति उदासीन रवैया अपनाने के कारण मूल विभाग में वापस लौटाने संबंधी आदेष जारी किये हैं। इनमें सहायक यंत्री, सहायक लेखाधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी एवं जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिकारी शामिल है। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा शर्मा के निर्देषानुसार संयुक्त आयुक्त म.प्र. राज्य रोजगार गारंटी परिषद, भोपाल श्री चन्द्रमौलि शुक्ला ने जिला पंचायत सीहोर में जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिकारी श्री मुकेष चौपड़ा की सेवाऐं अपने कर्त्तव्यों एवं उत्तरदायित्वों के निर्वहन के प्रति गंभीर नहीं होने के कारण मूल विभाग को वापस लौटाई गईं है। सहायक यंत्री श्री समीर श्रीवास्तव, जनपद पंचायत नागौद जिला सतना को लापरवाही, स्वच्छाचारिता, वरिष्ठ कार्यालयों के निर्देषों की अवहेलना व पदीय दायित्वों के विपरीत कार्य करने से संभागायुक्त रीवा द्वारा निलंबित किया गया है। उन पर लगाये गये आरोप गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आते हैं इसलिए उनकी सेवाऐं भी उनके मूल विभाग जल संसाधन को लौटा दी गई हैं। श्री एम.एस. परिहार सहायक लेखाधिकारी, जनपद पंचायत कोलारस जिला षिवपुरी के द्वारा अपने उत्तरदायित्वों एवं कर्त्तव्यों का निर्वहन समुचित रूप से नहीं कर पाने एवं श्री हरीष अष्टोलिया, अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, जनपद पंचायत मेघनगर, जिला झाबुआ को गंभीर बीमारी से ग्रसित होकर अपने उत्तरदायित्वों एवं कर्त्तव्यों का निर्वहन समुचित रूप से नहीं कर पाने से इन्हें भी तत्काल प्रभाव से मूल विभाग को लौटाने संबंधी निर्देष जिला कार्यक्रम समन्वयक व मूल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित कर दिये गए हैं।
उपयंत्री एवं सहायक यंत्री को कारण बताओं सूचना पत्र जारी, कार्यां में बरती गई लापरवाही (Dated-22.11.2012)  
भोपाल, 22 नवम्बर 2012। महात्मा गांधी नरेगा के अभिसरण से संचालित पंच परमेष्वर योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरते जाने के कारण अनूपपुर जिले की जनपद पंचायत जैतहरी में पदस्थ एक सहायक यंत्री एवं एक उपयंत्री को संभागायुक्त शहडोल द्वारा कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया है। संचालक जन षिकायत निवारण प्रकोष्ठ एवं चीफ विजिलेंस ऑफीसर मनरेगा म.प्र. श्री प्रद्युम्न शर्मा से प्राप्त जानकारी अनुसार शहडोल संभागायुक्त श्री डी.पी. अहिरवार ने सहायक यंत्री (मनरेगा) श्री एस.के. पटेरिया एवं उपयंत्री (मनरेगा) श्री ए.एस. तिवारी को पंच परमेष्वर योजना के क्रियान्वयन में वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा योजना के क्रियान्वयन संबंधी दिये गये निर्देषों की अवहेलना किये जाने पर कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया है। श्री अहिरवार ने 15 दिवस में संतोषजनक उत्तर प्राप्त न हो पाने के स्थिति में म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम अंतर्गत कार्यवाही की जाने की संबंधितों को चेतावनी दी है। उन्होंने अपने आदेष में स्पष्ट किया है कि संतोषजनक उत्तर न होने पर आगामी तीन वार्षिक वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोकी जाएगीं।
श्री प्रद्युम्न शर्मा संचालक जनषिकायत निवारण प्रकोष्ठ अब चीफ विजलेंस ऑफीसर भी(Dated-22.11.2012)  
भोपाल, 22 नवम्बर 2012। भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय की आपरेषनल गाईड लाईन के परिपालन में राज्य स्तर पर विजलेंस सेल का गठन किया जाना है। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती अरूणा शर्मा के आदेषानुसार महात्मा नरेगा में संचालक जन षिकायत निवारण प्रकोष्ठ के पद पर कार्यरत श्री प्रद्युम्न शर्मा अपने पदेन कर्त्तव्यों के निर्वहन के साथ ही चीफ विजलेंस ऑफीसर का दायित्व भी आगामी आदेष तक संभालेंगे।
गड़बड़ी करने वालों को मनरेगा से बाहर किया जाएगा- मनरेगा आयुक्त डॉ. पस्तोर(Dated-21.11.2012)  
मनरेगा के सहायक यंत्री की सेवाएं मूल विभाग को लौटाई गईं, भोपाल, 21 नवम्बर 2012। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सीधी जिले की मझौली जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक यंत्री श्री एस.के. शर्मा की सेवाऐं तत्काल प्रभाव से उनके मूल विभाग को लौटाने के निर्देष मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला सीधी को दिए हैं। उल्लेखनीय है कि कमिष्नर रीवा संभाग द्वारा प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग को संबोधित पत्र में जल संसाधन विभाग में कार्यरत तत्कालीन उपयंत्री श्री एस.के. षर्मा द्वारा निर्माण कार्यों में अनियमितता के कारण उनके विरूद्ध प्रचलित अनुषासनात्मक कार्यवाही के संबंध में लेख किया गया है। उपरोक्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए मनरेगा आयुक्त ने श्री षर्मा की सेवाऐं तत्काल प्रभाव से लौटाने के निर्देष दिये हैं। ‘‘संविदा पर पदस्थ अमले की सेवाऐं समाप्त की जाएगीं’’ ‘‘प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अमला जाएगा मूल विभाग में’’ मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर द्वारा सभी जिलों को निर्देषित किया जा रहा है कि मनरेगा अंतर्गत कार्यों में गड़बड़ी करने वालों को बक्षा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा है कि मनरेगा अतर्गत ग्राम स्तर के कर्मचारियों से लेकर उच्च स्तर तक के कर्मचारी के विरूद्ध भी कार्यवाही सुनिष्चित की जाएगी। श्री पस्तोर ने बताया कि मनरेगा अंतर्गत की गई षिकायत पर यदि प्रथम दृष्ट्या जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिष्चित की जाएगी साथ ही आवष्यकता पड़ने पर राज्य स्तर से भी कार्यवाही की जाएगी। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में लौटाया जाएगा। संविदा पर पदस्थ अमले की सेवाऐं समाप्त की जाएगीं। इस संबंध में आगामी एक सप्ताह में कार्यवाही करने के निर्देष दिये जा रहे हैं।
गड़बड़ी करने वालों को मनरेगा से बाहर किया जाएगा- मनरेगा आयुक्त डॉ. पस्तोर(Dated-21.11.2012)  
मनरेगा के सहायक यंत्री की सेवाएं मूल विभाग को लौटाई गईं, भोपाल, 21 नवम्बर 2012। महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सीधी जिले की मझौली जनपद पंचायत में पदस्थ सहायक यंत्री श्री एस.के. शर्मा की सेवाऐं तत्काल प्रभाव से उनके मूल विभाग को लौटाने के निर्देष मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने जिला कार्यक्रम समन्वयक जिला सीधी को दिए हैं। उल्लेखनीय है कि कमिष्नर रीवा संभाग द्वारा प्रमुख सचिव जल संसाधन विभाग को संबोधित पत्र में जल संसाधन विभाग में कार्यरत तत्कालीन उपयंत्री श्री एस.के. षर्मा द्वारा निर्माण कार्यों में अनियमितता के कारण उनके विरूद्ध प्रचलित अनुषासनात्मक कार्यवाही के संबंध में लेख किया गया है। उपरोक्त तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए मनरेगा आयुक्त ने श्री षर्मा की सेवाऐं तत्काल प्रभाव से लौटाने के निर्देष दिये हैं। ‘‘संविदा पर पदस्थ अमले की सेवाऐं समाप्त की जाएगीं’’ ‘‘प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अमला जाएगा मूल विभाग में’’ मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर द्वारा सभी जिलों को निर्देषित किया जा रहा है कि मनरेगा अंतर्गत कार्यों में गड़बड़ी करने वालों को बक्षा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा है कि मनरेगा अतर्गत ग्राम स्तर के कर्मचारियों से लेकर उच्च स्तर तक के कर्मचारी के विरूद्ध भी कार्यवाही सुनिष्चित की जाएगी। श्री पस्तोर ने बताया कि मनरेगा अंतर्गत की गई षिकायत पर यदि प्रथम दृष्ट्या जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके विरूद्ध कार्यवाही सुनिष्चित की जाएगी साथ ही आवष्यकता पड़ने पर राज्य स्तर से भी कार्यवाही की जाएगी। प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारी/कर्मचारियों को उनके मूल विभाग में लौटाया जाएगा। संविदा पर पदस्थ अमले की सेवाऐं समाप्त की जाएगीं। इस संबंध में आगामी एक सप्ताह में कार्यवाही करने के निर्देष दिये जा रहे हैं।
भृष्ट अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है और आगे भी की जाएगी-श्री गोपाल भार्गव(Dated-20.11.2012)  
राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की बैठक संपन्न भोपाल, दिनांक 20 नवंबर 2012। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत ग्रामीण विकास कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग हेतु गठित राज्य स्तरीय सतर्कता एवं मूल्यांकन समिति की बैठक सामाजिक न्याय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री श्री गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में आज अरेरा हिल्स स्थित नर्मदा भवन के सभाकक्ष में संपन्न हुई। बैठक में श्री भार्गव ने स्पष्ट रूप से कहा कि गड़बड़ी करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई पूर्व में भी की जाती रही है और आगे भी की जाएगी। बैठक में विभागीय राज्यमंत्री श्री देवसिंह सैयाम, अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा एवं अन्य अधिकारियों के साथ ही समिति सदस्य सांसद श्री प्रेमचंद्र गुडडू, राज्यसभा सदस्य डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ व विधायक श्री मोती कष्यप अषासकीय सदस्य श्री नंदकिषोर पटेल, श्री विमलेन्द्र तिवारी एवं श्री अजय दुबे उपस्थित थे। समीक्षा बैठक में सर्वप्रथम विगत वर्ष में आयोजित बैठक का कार्यवाही विवरण पर चर्चा की गई। समिति सदस्यों को पिछली बैठक में लिये गये निर्णयों पर की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया। बैठक में सीधी जिले के मझौली में पदस्थ श्री एस. के. शर्मा के संबंध में की गई षिकायत पर माननीय मंत्री श्री गोपाल भार्गव द्वारा जल्द से जल्द संबंधित के विरूद्ध आवष्यक कार्रवाई करने के निर्देष अधिकारियों को दिए गए। श्री गोपाल भार्गव द्वारा सांसद निधि के अभिसरण से कार्य ना हो पाने संबंधी चर्चा पर जिलों को कार्यों की प्रषासकीय एवं तकनीकी स्वीकृति जारी करने और राषि की उपलब्धता पर कार्य प्रारंभ करने संबंधी निर्देष जारी करने को कहा गया है। अपर मुख्य सचिव महोदया श्रीमती अरूणा शर्मा द्वारा माननीय समिति सदस्यों को अवगत कराया गया कि पंचायत भवन विहिन ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत राजीव गांधी सेवा केन्द्र निर्मित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों के सषक्तिकरण एवं उन्हें ई-पंचायत के रूप में विकसित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को 01-01 लाख रूपए दिए जा रहे हैं, जिससे प्रत्येक ग्राम पंचायत को कम्प्यूटर, यूपीएस एवं इंटरनेट हेतु टेलीफोन कनेक्टिविटी से लैस किया जाएगा। बैठक के एजेण्डे में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अतिरिक्त प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन, स्वर्ण जयंती ग्राम रोजगार योजना, बैकवर्ड रीजन ग्राण्ट फण्ड योजना, इंदिरा आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, निर्मल भारत अभियान, मर्यादा अभियान, जलग्रहण प्रबंधन कार्यक्रम, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, मध्यप्रदेष जिला गरीबी उन्मूलन परियोजना एवं एकीकृत कार्ययोजना शामिल थे।
महात्मा गांधी नरेगा की नवीन गाईडलाईन 2012 व निर्देषों के अनुरूप कार्य करें (Dated-09.11.2012)  
भोपाल, 09 नवंबर 2012 । महात्मा गांधी नरेगा, कृषि एवं ग्रामीण आजीविका को और अधिक सुदृढ़ करने, ग्रामीण पर्यावरण में संतुलन स्थापित कर ग्रामीणों के लिये स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण के निर्माण हेतु भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यों की नवीन श्रेणियां एवं उनमें नवीन कार्यों का समावेष किया गया है। भारत सरकार द्वारा योजना में अनुमत किये गए इन नवीन कार्यों में से अधिकतर कार्यों को पूर्व से ही प्रदेष में विभिन्न उपयोजनाओं के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रदेष की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत जिन नवीन कार्यों के क्रियान्वयन हेतु विभाग के निर्देष नहीं हैं उनके निर्देष राज्य स्तर पर तैयार किये जाकर षीघ्र उपलब्ध कराये जावेगें। भारत सरकार द्वारा वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत निर्धारित कार्यों की 16 श्रेणिया निर्मित की गई हैं। क्षेत्र विकास की परिस्थितियों को देखते हुये ऐसे कार्य जो श्रम मूलक स्थाई संरचना के दृष्टिगत नरेगा के तहत लिये जा सकते हैं। मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तौर ने महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत लिये जा सकने वाले कार्यों के अनुसार जिले में षेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट तैयार करने एवं कार्यों का विवरण लेबर बजट तैयार करने हेतु निर्धारित एम.आई.एस. प्रपत्र में निर्धारित श्रेणी में ही ध्यानपूर्वक भरने के निर्देष दिए हैं।
महात्मा गांधी नरेगा की नवीन गाईडलाईन 2012 व निर्देषों के अनुरूप कार्य करें (Dated-09.11.2012)  
भोपाल, 09 नवंबर 2012 । महात्मा गांधी नरेगा, कृषि एवं ग्रामीण आजीविका को और अधिक सुदृढ़ करने, ग्रामीण पर्यावरण में संतुलन स्थापित कर ग्रामीणों के लिये स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण के निर्माण हेतु भारत सरकार द्वारा महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यों की नवीन श्रेणियां एवं उनमें नवीन कार्यों का समावेष किया गया है। भारत सरकार द्वारा योजना में अनुमत किये गए इन नवीन कार्यों में से अधिकतर कार्यों को पूर्व से ही प्रदेष में विभिन्न उपयोजनाओं के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है। प्रदेष की भौगोलिक स्थिति के दृष्टिगत जिन नवीन कार्यों के क्रियान्वयन हेतु विभाग के निर्देष नहीं हैं उनके निर्देष राज्य स्तर पर तैयार किये जाकर षीघ्र उपलब्ध कराये जावेगें। भारत सरकार द्वारा वर्तमान में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत निर्धारित कार्यों की 16 श्रेणिया निर्मित की गई हैं। क्षेत्र विकास की परिस्थितियों को देखते हुये ऐसे कार्य जो श्रम मूलक स्थाई संरचना के दृष्टिगत नरेगा के तहत लिये जा सकते हैं। मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तौर ने महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत लिये जा सकने वाले कार्यों के अनुसार जिले में षेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट तैयार करने एवं कार्यों का विवरण लेबर बजट तैयार करने हेतु निर्धारित एम.आई.एस. प्रपत्र में निर्धारित श्रेणी में ही ध्यानपूर्वक भरने के निर्देष दिए हैं।
प्रतिनियुक्ति पर जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिकारी के साक्षात्कार आज और कल(Dated-06.11.2012)  
भोपाल, 6 नवम्बर 2012 । मनरेगा अंतर्गत जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिकारी के 21 पदों को प्रतिनियुक्ति पर भरे जाने के लिए मध्यप्रदेष राज्य रोजगार गारंटी परिषद के मुख्यालय पर आज दिनांक 6 नवंबर 2012 और कल 7 नवंबर 2012 को 59 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जा रहा है। साक्षात्कार समिति के अध्यक्ष श्री ब्रिजेष कुमार, अपर सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास हैं। समिति में सदस्य श्री चन्द्रमौलि शुक्ला, संयुक्त आयुक्त प्रषासन, श्री प्रद्युम्न शर्मा, संचालक जन षिकायत एवं निवारण प्रकोष्ठ एवं श्री अनिल द्विवेदी, उपायुक्त मनरेगा हैं। आज 30 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया गया था जिसमें से 29 अभ्यर्थी सम्मिलित हुए जबकि एक अभ्यर्थी अनुपस्थित रहा। कल 29 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार होंगे। जिला ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्ति पर उन अधिकारी/कर्मचारियों के आवेदन पत्र आमंत्रित किये गए थे जो वर्तमान में मध्यप्रदेष के विभाग/उपक्रम/आयोग/मंडल में कार्यरत द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी रु. 9300-34800$4200 के वेतनमान अथवा समकक्ष वेतनमान पर कार्यरत हैं तथा जिन्हें ग्रामीण विकास से संबंधित कार्यों में न्यूनतम 05 वर्ष का अनुभव है।
ग्रामीण विकास योजनाओं के अमल में विलंब पर जिम्मेदारी तय होगी(Dated-03.11.2012)  
पंचायत मंत्री श्री गोपाल भार्गव द्वारा राज्य-स्तरीय समीक्षा बैठक में निर्देश ------------------------------------------------------------------------------- पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को ताकीद की है कि मनरेगा सहित अन्य कार्यक्रमों में वर्षों से जारी अपूर्ण कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करें। उन्होंने कहा कि गरीब तथा वंचित तबकों की भलाई की योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। श्री भार्गव ने आज प्रशासन अकादमी में राज्य के ग्रामीण अंचलों में संचालित विकास कार्यक्रमों और लोक-कल्याणकारी कार्यों की प्रगति की जिलावार समीक्षा की। उन्होंने बैठक में भाग ले रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से रू-ब-रू हो विकास कार्यों के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों की भी जानकारी ली। मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि पंचायत तथा विकासखण्ड-स्तर पर निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा हो तथा कार्यों को शीघ्र पूरा कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र यथाशीघ्र जमा करवाये जायें। श्री भार्गव ने कहा कि विभागीय अमला अपने दायित्व का ठीक से निर्वहन करें और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का सख्ती से पालन हो। श्री भार्गव ने उम्मीद जताई कि आगामी दो महीनें में ग्रामीण विकास की योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने विभागीय अमले से कहा कि किसी भी दबाव और प्रभाव के बिना दायित्वों का निर्वहन करें। उन्होंने बैंकिंग संस्थाओं से अपेक्षा की कि वे वंचित तथा कमजोर तबकों की भलाई की योजनाओं के क्रियान्वयन में अनुकूल सहयोग देगी। इससे पहले अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा विकास आयुक्त, श्रीमती अरुणा शर्मा ने विभागीय ऑडिट कार्यों की जिलावार समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अब ग्राम-पंचायतों की ऑडिट व्यवस्था चाटर्ड अकाउंटेंट के माध्यम से सम्पन्न करवाने का काम शुरू किया गया है। सभी जिलों में शीघ्र ही ऑडिट एजेंसी नियुक्त हो जायेगी। यह ऑडीटर पंचायत के माध्यम से होने वाले सभी विकास कार्यों का ऑडिट करेंगे। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि पूर्व वर्षों के निर्माण कार्यों के संबंध में विभिन्न विभाग तथा सरपंच के पास धनराशि बकाया है, उनसे वसूली की कार्यवाही हो। ऐसी राशि का हिसाब जमा नहीं करवाने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई जा सकेगी। अपर मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने कहा कि वे मैदानी निरीक्षण पर ध्यान दें और सप्ताह में तीन दिन ग्रामीण अंचलों का भ्रमण अवश्य करें। पुराने वर्षों के अपूर्ण कार्यों को पूरा करने और उनके मूल्यांकन के लिये सघन अभियान चलाया जाये। प्रशासनिक तथा तकनीकी अमले में समुचित तालमेल के साथ अभियान को पूरा करें। श्रीमती शर्मा ने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और अनियमितताओं के मामले में दोष सिद्धि पर सीईओ से लेकर निचले स्तर तक जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने निर्देशित किया कि मनरेगा से कन्वर्जेंस के आधार पर हो रहे निर्माण कार्यों में ठेकेदार का उपयोग कदापि नहीं किया जाये। इसके साथ ही पूर्व में 10वें तथा 11वें वित्त आयोग और स्टाम्प ड्यूटी से मिली राशि का उपयोग अधोसंरचना विकास से जुड़े कार्यों में कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र यथाशीघ्र भेजे जायेंगे। समग्र स्वच्छता अभियान में ग्रामीण अंचलों के घरों में शौचालय निर्माण के काम में तेजी लाई जाये। इस अवसर पर आयुक्त, मनरेगा डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने एमआईएस व्यवस्था के सुचारु अमल पर जोर देते हुए निर्देशित किया कि योजना के अंतर्गत कार्यों का विवरण यथा-समय प्रेषित किया जाये। उन्होंने कहा कि लेबर बजट तैयार करने के लिये हर पंचायत पर तीन सदस्यीय दल पहुँचेगा। यह दल पटवारी खसरा-नक्शा सहित जरूरी दस्तावेजों के साथ गाँव में रोजगार कार्यों का आकलन करेगा। इसके साथ ही जॉब-कार्ड को अद्यतन करने की कार्यवाही भी की जायेगी। पिछले तीन साल में जिन लोगों ने जॉब-कार्ड के जरिये कोई रोजगार प्राप्त नहीं किया है अथवा जो गाँव छोड़ कर जा चुके हैं या जिन कार्ड-धारियों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम ग्राम-सभा की सहमति से हटाये जायेंगे। इसके अलावा वयस्क हो चुके तथा गाँव में बसने वाले नये परिवारों के जॉब-कार्ड ग्राम-सभा की सहमति से बनाये जायेंगे। इस व्यवस्था से गाँव, पंचायत तथा जनपद पंचायत और जिला-स्तर पर लेबर बजट तैयार किया जायेगा और ग्रामीण अंचल में जरूरत के अनुसार मनरेगा के जरिये रोजगारमूलक कार्य सम्पन्न होंगे। बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन, बैंकिंग सुविधाओं से वंचित गाँव में वित्तीय समावेशन के अंतर्गत अल्ट्रा स्माल बैंकों की स्थापना के काम में तेजी लाने, ई-पंचायत व्यवस्था के क्रियान्वयन और पंचायत भवनों के निर्माण के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गयी। इस दौरान सामाजिक न्याय विभाग के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में हितग्राहियों को समय पर पेंशन वितरण तथा समग्र योजना के माध्यम से हितग्राही मूलक योजनाओं में सहायता उपलब्ध करवाने के लिये किये जाने वाले ग्रामवार सर्वेक्षण के बारे में भी प्रकाश डाला गया। राज्य-स्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन श्रीमती अलका उपाध्याय, आयुक्त, पंचायत श्री विश्वमोहन उपाध्याय तथा आयुक्त, सामाजिक न्याय श्री व्ही.के. बाथम ने भी संबोधित किया और विभागीय कार्यों की प्रगति के बारे में चर्चा की।
वार्षिक कार्ययोजना और लेबर बजट को पुख्ता बनाया जाए- अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा षर्मा(Dated-02.11.2012)  
वार्षिक कार्ययोजना और लेबर बजट को पुख्ता बनाया जाए- अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा षर्मा योजना का बेहतर प्रबंधन सुनिष्चित करें-मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर मनरेगा अंतर्गत लेबर बजट पर एक दिवसीय प्रषिक्षण सह कार्यषाला संपन्न भोपाल, दिनांक 2 नवंबर 2012 महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 के लेबर बजट निर्माण एवं वार्षिक कार्ययोजना (षेल्फ ऑफ प्रोजेक्ट) बनाये जाने की तैयारी के संबंध में प्रषासनिक अकादमी में आज एक दिवसीय प्रषिक्षण सह कार्यषाला का आयोजन किया गया। प्रषिक्षण सत्र के षुभारंभ अवसर पर अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रीमती अरूणा षर्मा ने जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को संबोधित करने हुए कहा कि गांव के संपूर्ण विकास के लिए आवष्यक है कि प्रत्येक गांव की वार्षिक कार्ययोजना और लेबर बजट को पुख्ता बनाया जाए। प्रषिक्षण कार्यषाला के उद्देष्यों पर प्रकाष डालते हुए मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने कहा है कि योजना का बेहतर प्रबंधन सुनिष्चित किया जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को योजना से लाभान्वित किया जा सके। प्रषिक्षण सह कार्यषाला को संबोधित करते हुए पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा षर्मा ने कहा कि योजना से ग्रामीणों को लाभान्वित करने के लिए आवष्यक है कि गांवों में रोजगार की मांग का सही-सही आंकलन किया जाए साथ ही गांवों की अद्योसंरचनात्मक विकास संबंधी आवष्यकताओं को भी ध्यान में रखा जाए। रोजगार की मांग एवं आवष्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए वार्षिक कार्ययोजना तैयार की जाए और उसी के अनुरूप लेबर बजट का निर्माण किया जाए। पुख्ता लेबर बजट तभी बनाया जाना संभव हो सकेगा जब कार्ययोजना पुख्ता बनेगी। श्रीमती षर्मा ने कहा कि जितना अच्छा लेबर बजट और कार्ययोजना होगी उतना ही अच्छा कार्य भी होगा। उन्होंने ग्राम पंचायतों के अच्छे लेबर बजट और कार्ययोजना के लिए अधिकारियों को गांव में समय बिताने की आवष्यकता पर जोर दिया। श्रीमती षर्मा ने कपिलधारा कूप निर्माण, भूमि षिल्प, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, पंचायत भवनों के निर्माण, जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार, पंच परमेष्वर, मर्यादा उपयोजना इत्यादि पर प्रकाष डालते हुए सहभागियों की षंकाओं का समाधान भी किया। मनरेगा आयुक्त डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने कार्यषाला को संबोधित करते हुए योजना के बेहतर प्रबंधन को सुनिष्चित किये जाने पर जोर दिया। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन एवं संचालन के सिस्टम को मैदानी स्तर तक ले जाने की आवष्यकता जताई। श्री पस्तोर ने वार्षिक कार्ययोजना एवं लेबर बजट के बेहतर निर्माण के लिए फसल चक्र, मौसम, ग्रामीण संस्कृति को ध्यान में रखने एवं ग्रामीण समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने, एकीकृत प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर प्रबंधन और विगत वर्षों में किये गये कार्यों को भी दृष्टिगत रखने पर जोर दिया। प्रषिक्षण कार्यषाला में प्रदेष के 50 जिलों की जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मनरेगा के परियोजना अधिकारी एवं इंजीनियर उपस्थित रहे। कार्यषाला में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एच.पी. षिवहरे, मनरेगा के मुख्य अभियन्ता श्री एम.के. जैन एवं परिषद के अन्य अधिकारियों ने भी लेबर बजट व वार्षिक कार्ययोजना संबंधी विभिन्न बिन्दुओं पर प्रकाष डाला। कार्यक्रम का संचालन संचालक, सामाजिक अंकेक्षण (मनरेगा) श्री अभय पाण्डेय ने किया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक 3 नवंबर को प्रषासनिक अकादमी में(Dated-31.10.2012)  
समाचार अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा मनरेगा के कार्यों की समीक्षा करेंगी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक 3 नवंबर को प्रषासनिक अकादमी में भोपाल, 31 अक्टूबर 2012 । मनरेगा अंतर्गत संचालित होने वाली विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने और कार्यों में अधिक कसावट लाने के लिए अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से रूबरू होंगी। इसके लिए दिनांक 03.11.2012 को प्रषासन अकादमी, भोपाल के सभाकक्ष में एक बैठक आयोजित की गई है। बैठक में अकादमी के कान्फ्रेंस हॉल (कक्ष क्र 20) में प्रातः 9:00 बजे आरंभ होगी। आयुक्त मनरेगा, डॉ. रवीन्द्र पस्तोर ने बैठक में योजना, मॉनिटरिंग, एम.आई.एस., वित्त एवं लेखा, तकनीकी, स्थापना, षिकायत निवारण, प्रषिक्षण, विधानसभा एवं मीडिया संबंधी बिन्दुओं पर संपूर्ण जानकारी लेकर आने के लिए निर्देषित किया है।
CSI- Nihilent Award Field visit(Dated-26.10.2012)  
A member of CSI- Nihilent Award Field visited council for the nomination of 'Audit & Financial Management System' software developed at council level